दार्जिलिंग की ग्रीन टी के बाद अब डुआर्स की सीटीसी चाय विश्व पटल पर बना रही अपनी पहचान
सिलीगुड़ी टी ऑक्शन सेंटर से एक हजार रुपये प्रति किलोग्राम सीटीसी चाय की नीलामी कर रचा है इतिहास -डुआर्स के इंडोंग चाय बागान के चाय की 29 जनवरी को हुई थी नीलामी पहली बार देश के किसी भाग में इतनी महंगी हुई सीटीसी चाय की नीलामी
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। दार्जिलिंग की ग्रीन टी पूरी दुनिया में मशहूर है। यह किसी से छुपा नहीं है। अगर कहीं पूरी दुनिया में दार्जिलिंग का नाम सामने आता है, तो लोगों के जेहन में सबसे पहले दार्जिलिंग की ग्रीन टी की याद आ जाती है। हालांकि अब बंगाल में सीटीसी चाय के उत्पादन का गढ़ तराई व डुआर्स की चाय भी विश्व पटल पर अपनी पहचान बनाना शुरू कर दी है। इसका ज्वलंत उदाहरण पिछले महीने जनवरी के अंत में यानी 29 जनवरी को सिलीगुड़ी टी ऑक्शन कमेटी में हुई चाय की नीलामी के दौरान डुआर्स के एक चाय बागान की चाय की नीलामी 1000 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से हुई, जो अब तक का एक रिकॉर्ड है। डुआर्स के सीटीसी चाय की निर्यात इंग्लैंड रूस समेत अन्य देशों में की जाती है।
चाय की कीमतों में पिछले तीन महीनों से हो रहे उतार-चढ़ाव के बीच बीते शुक्रवार 29 जनवरी को सिलीगुड़ी टी ऑक्शन सेंटर से 1000 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से एक चाय बागान के सीटीसी चाय की हुई नीलामी चाय उद्योग के लिए नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। मिली जानकारी के अनुसार देश के किसी भाग में पहली बार इतनी महंगी दर 1000 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से सीटीसी चाय की नीलामी हुई है। सिलिगुड़ी टी ऑक्शन सेंटर से उच्चतम दर पर सीटीसी चाय की नीलामी से सिलिगुड़ी टी ऑक्शन कमेटी खुशी व्यक्त की है। बताया गया कि जनवरी को सिलीगुड़ी टी ऑक्शन सेंटर हो रही चाय की नीलामी में डुआर्स क्षेत्र के इंडोंग चाय बागान के सीटीसी चाय पार्कोन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा नीलामी के लिए लाई गई थी। जिसे सिलीगुड़ी की ही एक कंपनी ने सर्वाधिक बोली लगाकर उक्त बागान के चाय की खरीदारी की। सिलिगुड़ी टी ऑक्शन कमेटी द्वारा मिली जानकारी के अनुसार इससे पहले वर्ष 2019 में असम के हलमारी चाय बागान के अर्थोडॉक्स चाय की नीलामी सर्वाधिक कीमत 711 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से हुई थी।
बागान प्रबंधन द्वारा मिली जानकारी के अनुसार उक्त बागान में पिछले 4 वर्षों से शरद ऋतु के दौरान फ्लश चाय का उत्पादन किया जा रहा है। चाय के पौधों से प्रथम दो पत्ती तोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। बताया गया कि चाय की गुणवत्ता 90 प्रतिशत बागान जबकी 10 प्रतिशत कारखाना पर निर्भर करता है।
इस बारे में सिलिगुड़ी टी ऑक्शन कमेटी के चेयरमैन कमल किशोर तिवारी ने कहा कि सीटीसी चाय की उच्चतम कीमत पर नीलामी होना सिलीगुड़ी टी ऑक्शन कमेटी क्या, पूरे चाय उद्योग के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि उत्तर बंगाल में चाय की गुणवत्ता पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। इसका परिणाम भी सामने देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पहली बार सीटीसी चाय की नीलामी 1000 रुपये किलो ग्राम हुई है। उन्होंने बताया कि असम के चाय के अलावा उत्तर बंगाल के तराई व डुआर्स के सीटीसी चाय का निर्यात भी अरब के देशों में किया जाता है।