Coronavirus: चुनाव में नुकसान से डरी तृणमूल ने कोरोना पर बदली रणनीति, पीके सक्रिय
Coronavirus सत्ताधारी पार्टी तृणमूल ने प्रदेश में कोरोना को लेकर अपनी रणनीति पर फिर से काम करना शुरू कर दिया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Coronavirus: कोरोना महामारी के प्रबंधन को लेकर बंगाल की ममता बनर्जी सरकार लगातार आलोचनाओं का सामना कर रही है। कोरोना की कम टेस्टिंग और प्रदेश में महामारी की अनियंत्रित स्थिति को लेकर प्रदेश सरकार पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इस बीच, खबर है कि सत्ताधारी पार्टी तृणमूल ने प्रदेश में कोरोना को लेकर अपनी रणनीति पर फिर से काम करना शुरू कर दिया है। इसे लेकर पार्टी ने शीर्ष नेतृत्व ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर से भी संपर्क साधा था।
इसके लिए पार्टी ने न सिर्फ राज्य में कोरोना टेस्टिंग की संख्या को बड़े स्तर पर बढ़ाने का फैसला किया है बल्कि लॉकडाउन के नियमों में भी काफी सख्ती लाई गई है। इसके अलावा कोरोना वायरस से मौतों पर ऑडिट समिति के क्षेत्राधिकार में बदलाव लाया गया है। राज्य के अधिकारियों के अनुसार, बंगाल में अब रोजाना करीब 2500 परीक्षण हो रहे हैं और अब तक 25,116 नमूनों की जांच हो चुकी है।
बताया गया कि पार्टी की रणनीति में बदलाव अगले साल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आया है। पार्टी नहीं चाहती कि कोरोना के खिलाफ जंग के मामले में मतदाताओं के बीच प्रदेश सरकार की नकारात्मक छवि जाए और उसे आगामी विधानसभा चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़े।
सरकार के कुप्रबंधन से लोग परेशान
तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि जिला स्तर से आने वाली रिपोर्ट्स हैरान करने वाली हैं। लोग कोरोना संकट को लेकर प्रदेश सरकार के कुप्रंबंधन से काफी परेशान हैं। उन्होंने बताया कि कोरोा के प्रबंधन को लेकर लगातार बंगाल सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। इस दौरान केंद्र सरकार की लगातार आलोचना को सुनने वाला कोई नहीं है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार पर जमीनी स्तर से दबाव बढ़ रहा है।
प्रशांत किशोर से किया संपर्क
इस बीच, कोरोना मरीजों की मौत और कथित रूप से उनके शवों के चोरी छिपे दाह संस्कार और दफनाने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। एक अन्य तृणमूल नेता ने कहा, '2021 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के लिए यह बड़ा जोखिमपूर्ण बन रहा था।' उन्होंने कहा,'तब शीर्ष नेतृत्व ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर से संपर्क करने का निर्णय लिया। एक बहुआयामी रणनीति बनाई गई जिसे लागू करने के लिए प्रशासनिक एवं राजीनतिक इच्छाशक्ति की जरूरत थी। उनके मार्गदर्शन में पार्टी ने अपन आप को सशक्त दिखा रही है तथा गलतियां सुधारने लगी।'