तृणमूल के दागी नेताओं की बन रही है सूची
- अभिषेक बनर्जी और पीके ने बनाई चुनावी रणनीति -पार्टी नेताओं के साथ अलग-अलग हुई बैठक
- अभिषेक बनर्जी और पीके ने बनाई चुनावी रणनीति
-पार्टी नेताओं के साथ अलग-अलग हुई बैठक
-रूठे हुए पुराने लोगों को मनाने की भी होगी कोशिश
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: तृणमूल काग्रेस के रणनीतिकार प्रशात किशोर उर्फ पीके के साथ सिलिगुड़ी में चुनावी रणनीति बनाकर तृणमूल काग्रेस के सासद सह तृणमूल युवा काग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिषेक बनर्जी कोलकाता वापस लौट गए। वह दो दिवसीय दौरे पर कल मंगलवार शाम को सिलीगुड़ी पहुंचे थे। इससे पहले उन्होंने विधानसभा चुनाव को लेकर उत्तर बंगाल में पार्टी की रणनीति का रोडमैप तैयार किया। सबसे बड़ी बात यह रही कि यह दोनों अपनी पार्टी के नेताओं और मंत्रियों से एक साथ नहीं बल्कि अलग-अलग बैठक की। बैठक के बाद दोनों नेता कड़ी सुरक्षा के बीच कोलकोता लौट गए। हांलाकि ना तो इन दोनों ने और ना ही पार्टी के अन्य नेताओं ने मीडिया से कोई बात की। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को जलपाईगुड़ी अलीपुरद्वार और कुचविहार के नेताओ के साथ उन्होंने विधानसभा चुनाव को लेकर विचार विमर्श किया। मंगलवार को मालदा व दक्षिण दिनाजपुर जिले के नेताओं के साथ चुनावी रणनीति पर चर्चा की। दाíजलिंग जिले के नेताओं के साथ भी अलग-अलग बैठक हुई। बताया जाता है कि जिन जिलों में तृणमूल काग्रेस के आतरिक कलह सामने आ रहा है उन जिलों के नेताओं के साथ बैठक कर उसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। तृणमूल से जुड़े पुराने लोगों को कैसे फिर से पार्टी में सक्रिय किया जाए इसको लेकर भी इस बैठक में चर्चा की गई। तृणमूल काग्रेस के राजनीतिक रणनीतिकार प्रशात किशोर यानि पीके का उत्तर बंगाल का यह पहला दौरा था। यह माना जा रहा है कि पीके के इशारे पर उत्तर बंगाल के सभी 54 सीटों पर तृणमूल जीत की रणनीति पर मंथन अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में शुरू कर दिया गया है। इस मंथन के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट पार्टी सुप्रीमो और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दी जाएगी। इसके आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी। बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि टीएमसी पार्टी की छवि किन नेताओं के कार्यकलाप के कारण बदनाम हो रही है। ऐसे दागी नेताओं की सूची भी अलग-अलग नेताओं से मागी गई है। पीके के साथ अभिषेक बनर्जी ने सभी जिलों के पार्टी पदाधिकारियों से इस बात की जानकारी भी मागी है कि राज्य सरकार के कार्यो में कौन-कौन से पदाधिकारी अपना 100 फीसदी योगदान नहीं दे पा रहे हैं। प्रशात किशोर और अभिषेक बनर्जी के जिला नेताओं के साथ बैठक के बाद प्रशासनिक हलके में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है की पूजा के बाद कई जिलों में प्रशासनिक फेरबदल संभव है।