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दक्षिण सिक्किम के पाथिंग में लैंडस्‍लाइड के कारण 70 घर विस्थापित, सीएम ने की मुआवजा की घोषणा

लोगों की करीब 60 प्रतिशत खेती योग्य जमीन भूस्खलन के चपेट में आ गया है। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामांग ने भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा है कि प्रभावित नागरिकों को मुआवजा के रुप में जमीन घर और नौकरी प्रदान किया जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Sumita JaiswalPublished: Wed, 30 Nov 2022 12:12 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 12:13 PM (IST)
भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुआ प्रगतिशील किसानों का गांव। जागरण फोटो।

गंगटोक, जगन दाहाल। दक्षिण सिक्किम के पाथिंग ग्राम वासियों के लिए प्राकृतिक आपदा जीवन भर के लिए दर्दनाक कथा बन गई है। यांगगांग-रांगगांग विधानसभा समष्टि अंतर्गत पाथिंग स्थित गोगुने भीर में भूस्खलन के कारण 70 परिवारों को विस्थापित होना पड़ा है। ग्रामीणों को तत्काल सुरक्षित स्थान में पहुंचाया जा रहा है। इस भूस्खलन से यहां के किसानों को भारी नुकसान हुआ। लोगों की करीब 60 प्रतिशत खेती योग्य जमीन भूस्खलन के चपेट में आ गया है। समष्टि विधायक राज कुमारी थापा कहती है कि यह गांव परिश्रमी और प्रगतिशील किसानों का गांव है। यहां के लोगों का प्रमुख आयश्रोत दूध और सब्जी है। लेकिन इस भूस्खलन ने किसानों की आय को बर्बाद कर दिया।

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तत्‍काल राहत की यह व्‍यवस्‍था की गई 

प्राकृतिक आपदा के कारण सर्वस्व गंवाने वाले स्थानीय नागरिकों को राहत शिविर में पहुंचाया गया है। इसके साथ ही सरकार और प्रशासन से तत्काल राहत के लिए व्यवस्था की गई है। केवल मानव के लिए ही नहीं बल्कि घरेलू जानवरों के लिए भी अस्थाई गौशाला आदि निर्माण किया गया है। स्थानीय महकुमा अधिकारी मिलन राई ने बताया कि यहां के विस्थापित परिवारों को पाथिंग निम्न माध्यमिक स्कूल, लेप्चा हेरिटेज सेंटर सताम लगायत अन्य खाली मकानों में रखा गया है। उन्हें राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के माध्यम से तत्काल राहत भी प्रदान किया जा रहा है।

ऐसा लैंडस्‍लाइड पहली बार देखा गया

दूसरी ओर विगत 12 सालों से पहाड़ी क्षेत्र के लिए विभिन्न स्थानों में भूस्खलन की स्थिति और अवस्था पर अध्ययन कर रहे ‘सेव द हिल्स’ नामक एक संगठन भी पाथिग गोगुने पर लगातार नजर रख रहा है। सेव द हिल्स के संस्थापक तथा अध्यक्ष प्रफुल्ल रोय ने जानकारी दी है कि उनकी टोली लगातार पाथिंग भूस्खलन क्षेत्र में पहुंचकर इसकी स्थिति पर नजर रख रही है। उन्होंने बताया कि ऐसे सूखाग्रस्त भूस्खलन पहली बार देखा है। इससे बचने के लिए अरबों रुपये खर्च किया तो भी मुमकिन नहीं है। इसका तत्काल समाधान लोगों को सुरक्षित स्थानों में सफलतापूर्वक स्थानांतरित करना ही है।

सीएम प्रेम सिंह ने की घर, जमीन और नौकरी देने की घोषणा 

 कई सालों से लगातार हो रहे गोगुने भीर की भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामांग ने भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा है कि प्रभावित नागरिकों को जमीन, घर और नौकरी प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि तत्काल राहत में जिला प्रशासन की ओर से प्रत्येक परिवार को एक लाख 50 हजार रुपये और मुख्यमंत्री रिलीफ फंड से 50 हजार रुपये प्रदान करने की जानकारी दी। प्रभावित परिवारों को स्थायी रूप से सेटल करने के लिए 10 एकड़ जमीन में घर निर्माण कर दिया जाएगा। जब जमीन मिलेगा तब घरों का निर्माण कर उन्हें घर प्रदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब करीब पांच एकड़ जमीन की जरूरत है। अगर किसी घरों में नौकरी नहीं है तो प्रत्येक परिवार के सदस्यों को शैक्षिक योग्यता अनुरूप नौकरी प्रदान किया जाएगा।


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