30 परिवारों में 33 हजार वोल्ट का आतंक
-लोगों ने बिजली तार बदलने का काम रूकवाया -नेताओं और अधिकारियों के दर चक्कर काट भी
-लोगों ने बिजली तार बदलने का काम रूकवाया
-नेताओं और अधिकारियों के दर चक्कर काट भी कोई लाभ नहीं
-बिजली विभाग ने की 17 लाख रुपये जमा कराने की मांग
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : प्रशासन की अनदेखी ने इलाकाई लोगों को 33 हजार वोल्ट करंट के आतंक के साये में जीने को मजबूर कर दिया है। 33 हजार वोल्ट का यह आतंक सिलीगुड़ी के देशबंधुपाड़ा इलाके में वर्षो से है। आतंक में जी रहे लोगों के हाई वोल्टेज तार हटाने की अपील को बिजली विभाग वर्षो से नजरअंदाज करता रहा है। बल्कि स्थानीय वार्ड पार्षद, नगर निगम व मंत्री की भूमिका पर भी इलाकाई लोगों ने सवाल खड़ा किया है।
सिलीगुड़ी देशबंधु पाड़ा इलाके के करीब तीस परिवारों के घर के उपर से गुजरे बिजली के तार से 33 हजार वोल्ट का करंट दौड़ता है। कभी भी बड़े हादसे का आतंक इन परिवारों के मन में हमेशा रहता है। जानकारी के मुताबिक पावर हाउस से 33 हजार वोल्ट का तार नगर निगम के 30 व 34 नंबर वार्ड से पाइप लाइन के उपर से गुजरा है। देशबंधु पाड़ा इलाके में पाइप लाइन को छोड़कर तार को घरों के उपर से गुजारा गया है। करीब एक वर्ष पहले बालकनी से फूल तोड़ने के दौरान एक वृद्ध 33 हजार वोल्ट के चपेट में आ गया था। उस हादसे में उनकी जान तो बच गई लेकिन आजतक बिस्तर पर लेटो है। इस हादसे के बाद इलाकाई लोगों ने 33 हजार वोल्ट के इस आतंक को हटाने की मांग स्थानीय दोनों वार्ड पार्षद, सिलीगुड़ी नगर निगम, सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए), उत्तर बंगाल विकास मंत्रालय व राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव तक से की। आरोप है के सभी ने इस समस्या को नजरअंदाज कर दिया। हालांकि उत्तर बंगाल विकास मंत्री के निर्देशानुसार ये लोग अपनी गुहार लेकर बिजली विभाग तक पहुंचे। लेकिन अधिकारी ने इस आतंक को हटाने के लिए 16 लाख रूपए सीमित समय में जमा कराने की शर्त रखी। तीस साधारण परिवार 16 लाख रूपए कहां से लाए। फलस्वरूप इन तीस परिवारों के करीब डेढ़ सौ लोग 24 घंटे आतंक के साये में जीने को मजबूर हैं। अभी हाल में ही शुरू राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का जन संपर्क अभियान दीदी के बोलो के तहत भी देशबंधु पाड़ा के लोगों ने समस्या को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ। बीते कुछ दिनों से इलाके में बिजली के खंभे आदि गिराए जाने से आस जगाए लोग पल भर में निराश हो गए। सोमवार को बिजली विभाग के कर्मचारी पुराने तार के स्थान पर नया तार बदलने पहुंचे तो लोगों ने विरोध किया। लोगों ने काम रूकवा दिया। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस भी पहुंची। हांलाकि स्थानीय निवासी तरूणीकांत मोहंता ने बताया कि हम लोगों ने काम में दखल नहीं बल्कि कर्मचारियों को अपना दुखड़ा सुनाया।
दूसरी तरफ बिजली विभाग इस मामले से अनभिज्ञ हैं। बिजली विभाग के क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी ही नहीं है।