दो सौ परिवार भाजपा में शामिल
जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी भारतीय जनता पार्टी की अनुसूचित जनजाति मोर्चा सिलीगुड़ी सांगठनिक
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भारतीय जनता पार्टी की अनुसूचित जनजाति मोर्चा सिलीगुड़ी सांगठनिक जिला सिलीगुड़ी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में आठारोखाई मंडल के शीशाबाड़ी के दो सौ परिवार भाजपा में शामिल हुए। भाजपा के जिलाध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि यहां महासचिव आनंदमय बर्मन, मनोरंजन मंडल, एससी मोर्चा अध्यक्ष राजेन बर्मन, मंडल अध्यक्ष सुभाष घोष मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि आज बंगाल में सरकार की गलत नीति और नियत के कारण लोग दूर होते जा रहे है। अनुसूचित जाति के लोगों के साथ अन्याय ना हो, इसके लिए भारतीय जनता पार्टी लगातार काम कर रही है। दूसरी ओर भाजपा के हरियाणा प्रदेश प्रवक्ता सत्यव्रत शास्त्री ने कहा कि बंगाल में लोग परिवर्तन का मन बना चुके हैं। इसके लिए जरुरत है मतदाताओं के मन को मतदान में तब्दील करने का। तीन दिवसीय उत्तर बंगाल प्रवास के दौरान दैनिक जागरण से विशेष बातचीत कर रहे थे। शास्त्री ने कहा कि बंगाल विद्वानों और क्रांतिकारियों की जमीन रही है। ऐसे में यहां 34 वर्षो बाद जब वामपंथ का पतन हुआ तो तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आयी थी। उसका नारा था मां,माटी और मानुष। यह वह नारा था जिसमें तृष्टिकरण के बिना सबके सपने को साकार करने की आशा जगी थी। पिछले दस वर्षो में यह सपना पूरा होना तो दूर बल्कि और इसमें ग्रहण लग गया। ममता बनर्जी आमलोगों की उम्मीद पर खरी नहीं उतरी हैं। यही कारण है कि लोग भाजपा की ओर अग्रसर हो रहे हैं। लोगों के अंदर बदलाव का करंट है। यहां के लोग गुजरात, राजस्थान, बिहार, असम के तर्ज पर उद्योग स्थापित कर रोजी रोजगार चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बंगाल के अप्रवासी मजदूर और विभिन्न सेक्टर में काम करने वालों ने वहां की व्यवस्था देखी है। अपनों से दूर रहकर इसका दर्द भोगा है। लोग ह बंगाल में गुजरात जैसी विकास की व्यवस्था चाहते हैं। उन्होंने कहा कि देश इसी स्थिति से जब 2014 में गुजर रही थी तब लोगों ने व्यापक बदलाव किया। उसके बाद छोटी-छोटी जरूरतों को जैसे स्वच्छता, शौचालय, आवास, लघु उद्योग की स्थापना की ओर सरकार ने ध्यान दिया। किसानों की समस्याओं की ओर ध्यान देते हुए उसके लिए कानून बनाया। उत्तर बंगाल की बात करें तो यहां का प्रमुख उद्योग चाय बागान और पर्यटन है। इसकी हालत क्या है वह किसी से छिपी नहीं है। आज बंगाल स्वास्थ्य के मामले में काफी पीछे है। इसलिए यहां आयुष्मान भारत योजना, किसान सम्मान योजना और आवास योजनाओं को लागू किया जाना चाहिए। जनहित के योजनाओं में कोई दलगत राजनीति नहीं होनी चाहिए। इस प्रकार के प्रकल्प को रोकने से ही ऐसा लगता है कि सरकार मौज मस्ती में चल रही है। ऐसी सरकार कभी भी टिकाउ नहीं हो सकती।