दिनहाटा में अपने समर्थकों के साथ विधायक का शक्ति प्रदर्शन
संवादसूत्र दिनहाटा विधायक उदयन गुहा ने जिला नेताओं के बिना दिनहाटा में जमीनी स्तर पर रैली
संवादसूत्र, दिनहाटा : विधायक उदयन गुहा ने जिला नेताओं के बिना दिनहाटा में जमीनी स्तर पर रैली निकालकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।
तृणमूल काग्रेस की ओर से पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में सोमवार दोपहर तृणमूल काग्रेस ने दिनहाटा शहर के हेमंत बसु कार्नर से पांचमाथा मोड़ तक एक भव्य जुलूस निकाला। जुलूस का नेतृत्व दिनहाटा विधानसभा के विधायक और राज्य के तृणमूल उपाध्यक्ष उदयन गुहा ने किया। जुलूस में तृणमूल दिनहाटा दो ब्लॉक अध्यक्ष बिष्णु कुमार सरकार, उपाध्यक्ष अब्दुल सत्तार, श्रमिक संगठन के जिलाउपाध्यक्ष बिशु धर, दिनहाटा नगर प्रखंड उपाध्यक्ष गौरीशकर माहेश्वरी, पुलक बोस, पर्थ नाथ सरकार, अपर्णा दे नंदी के अलावा मुमताज बेगम, मौमिता भट्टाचार्य, खगेश्वर बर्मन उपस्थित थे। हालांकि जुलूस में इस दिन जिला नेता नहीं दिखे।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि विधायक उदयन गुहा ने दिनहाटा में तृणमूल का भव्य जुलूस निकालकर एक तरह से अपनी ताकत दिखाई। उदयन गुहा को कुछ दिन पहले शीतलकुची में तृणमूल की रैली में आमंत्रित नहीं किया गया था, लेकिन उनके करीबी जिला तृणमूल अध्यक्ष पार्थप्रतिम रॉय मौजूद थे। और उसी दिन से विधायक उदयन गुहा का तृणमूल के एक तरह के जिला अध्यक्ष से दूर का रिश्ता हो गया।
बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में उदयन गुहा भाजपा प्रत्याशी से 58 मतों से हार गए थे। बाद में उन्होंने रिकॉर्ड मतों से उपचुनाव जीता। उपचुनाव में रिकॉर्ड तोड़ जीत के बाद यह पहला मौका है जब उदयन के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में हजारों कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। हालाकि तृणमूल विधायक ने इस दिन केंद्र सरकार के खिलाफ जनसभा की, क्योंकि जिले में पार्टी का कोई फ्र ंट लाइन नेता नजर नहीं आया, ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या उदयन खुद को जिले में तीसरी ताकत के तौर पर पेश करना चाहते हैं।
वही तृणमूल शहर के ब्लॉक उपाध्यक्ष गौरीशकर माहेश्वरी ने कहा कि उदयन गुहा के नेतृत्व में अनगिनत कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जुलूस में हिस्सा लिया।
तृणमूल नेता उदयन ने कहा कि भाजपा की जनविरोधी नीति, जिस तरह से इसे आम आदमी पर उतारा जा रहा है, चीजों के दाम बढ़ाए जा रहे हैं, धर्म के नाम पर देश को बाटने की साजिश शुरू हो गई है। आम आदमी के मूल अधिकारों को रोककर राज्य सरकार को छोटा करने का प्रयास किया जा रहा है। ममता बनर्जी को कई तरह से अपमानित किया जा रहा है। इसके अलावा, भाजपा नेता और उनके जनप्रतिनिधि अलग राज्य की माग कर उत्तर बंगाल के लोगों में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। इस दिन हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर जुलूस में शामिल हुए और जमकर विरोध किया।