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कमल फूल के लिए कोलकाता पर निर्भर है व्यवसायी

संवाद सूत्र माथाभांगा एक दशक पहले कूचबिहार जिला के माथाभांगा के निवासी स्थानीय तालाब

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 06:28 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 06:18 AM (IST)
कमल फूल के लिए कोलकाता पर निर्भर है व्यवसायी
कमल फूल के लिए कोलकाता पर निर्भर है व्यवसायी

संवाद सूत्र, माथाभांगा : एक दशक पहले कूचबिहार जिला के माथाभांगा के निवासी स्थानीय तालाब, पोखार के कमल फूल से देवी लक्ष्मी की पूजा करते थे। कमल फूल तोड़ने के लिए मजदूरों को मजदूरी भी मिलती थी। लेकिन कमल के फूल के जगह अब वहां फसल बोई जा रही है। तालाब-पोखर भर दिए जा रहे है। जिसके कारण कमल फूल की किल्लत हो रही है। 13 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा है। मांग के अनुसार स्थानीय बाजार से कमल फूल की आपूर्ति नहीं हो पाती। इसलिए व्यवसायी को दक्षिण बंगाल के बोलपुर के कमल फूल पर निर्भर रहना पड़ रहा है। कमल फमल 15 से 20 रूपये के हिसाब से बेचा जा रहा है। पहले माथाभांगा में कमल फूल की खेती होती थी। यहां उन्नत किस्म के कमल पुष्प खिलते थे। इलाके का चंदामारी इलाका कमल फूल की खेती के लिए ही विख्यात था। स्थानीय लोग इस फूल को तोड़कर बिक्री करते थे। फूल व्यवसायी दिलीप चक्रवर्ती ने बताया पहले हम स्थानीय इलाके से कमल फूल बेचते थे। लेकिन अब हमें बोलपुर से कमल फूल मंगवाना पड़ता है।

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कैप्शन : कमल फूल


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