Move to Jagran APP

ट्रिपल हैट्रिक के बाद 2014 में रुका था माकपा का विजय रथ

राकेश प्रदीप उपाध्याय आसनसोलपश्चिम बंगाल की बांकुड़ा लोकसभा सीट माकपा का लालदुर्ग रही ह

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Mar 2019 05:26 PM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 06:50 AM (IST)
ट्रिपल हैट्रिक के बाद 2014 में रुका था माकपा का विजय रथ
ट्रिपल हैट्रिक के बाद 2014 में रुका था माकपा का विजय रथ

राकेश प्रदीप उपाध्याय, आसनसोल:पश्चिम बंगाल की बांकुड़ा लोकसभा सीट माकपा का लालदुर्ग रही है। यहां पर माकपा के कद्दावर नेता बासुदेव आचार्य वर्ष 1980 से 2009 तक लगातार नौ बार सांसद रहे। लेकिन वर्ष 2014 के चुनाव में लालदुर्ग को तृकां प्रत्याशी सह अभिनेत्री मुनमुन सेन ने ढ़हा दिया। माकपा ने वर्ष 1980 में कांग्रेस से ये सीट छीनी थी, लेकिन 2014 में माकपा से तृणमूल कांग्रेस ने इस सीट को हथिया लिया। तृकां ने इस बार बांकुड़ा से कद्दावर श्रमिक नेता सुब्रत मुखर्जी को मैदान में उतारा है। मुनमुन सेन को आसनसोल लोकसभा से चुनाव मैदान में उतारा है। तृकां को आशा है कि जिस प्रकार 2014 में मुनमुन सेन ने माकपा के कद्दावर नेता बासुदेव आचार्य को हराया था, उसी प्रकार इस बार आसनसोल लोकसभा सीट को भाजपा से छीनकर तृकां को तोहफा देगी। 2014 के लोकसभा चुनाव में बांकुडा से तृकां प्रत्याशी मुनमुन सेन को 483455 मत मिले थे, जबकि माकपा के बासुदेव आचार्य को 384949 मत मिले थे।

loksabha election banner

1951 में बांकुड़ा को दोहरा प्रतिनिधित्व मिला था। यहां से कांग्रेस के जगन्नाथ कोले और पशुपति नाथ मंडल ने जीत हासिल की थी। पहले प्रतिनिधि के लिए

जगन्नाथ मंडल को 108885 मत और एचएमएस के अतुल पाल को 90112 मत मिले थे, दूसरे प्रतिनिधि में कांग्रेस के पशुपति नाथ मंडल को 96266 मत और निर्दल बीरेश्वर घोष को 58122 मत मिले थे। 1957 के चुनाव में दो प्रतिनिधि के चुनाव में कांग्रेस के पशुपति नाथ मंडल और रामगति बनर्जी ने जीत हासिल की थी। पशुपतिनाथ मंडल को 152687 और बिश्वनाथ बाउरी निर्दल को 8327 मत मिले थे। कांग्रेस के रामगति बनर्जी को 151001 मत और एचएमएस के बगला मंडल को 82576 मत मिले थे। वर्ष 1962 के चुनाव में कांग्रेस के रामगति बंदोपाध्याय ने पीएसपी के कनाई लाल दे को हराया था। रामगति बंदोपाध्याय को 74674 मत कनाई लाल दे को 47230 मत मिले थे। 1967 के चुनाव में पहली बार लाल झंडा लहराया था,

सीपीआइ के जेएम बिश्वास ने कांग्रेस के ए घोष को हराकर इस सीट पर कब्जा किया था। जेएम बिश्वास को 120590 मत और ए घोष को 90820 मत मिले थे। 1971 के चुनाव में फिर कांग्रेस ने बाजी मारी और कांग्रेस के शंकर नारायन सिंह देव ने इस सीट पर कब्जा कर लिया था। कांग्रेस के शंकर नारायन को 81144 मत और माकपा के महादेव मुखर्जी को 55646 मत मिले थे। 1977 के चुनाव में बीएलडी के बिजय मंडल ने कांग्रेस के शंकर नारायन सिंह को हराकर इस सीट पर कब्जा किया था। बिजय मंडल को 175664 मत और शंकर नारायन सिंह का 95587 मत मिले थे। 1980 के चुनाव में माकपा के बासुदेव आचार्य ने कांग्रेस के शंकर नारायन सिंह को हराकर यह सीट कांग्रेस आई से छीन ली थी। माकपा के बासुदेव आचार्य को 199557 मत और शंकर नारायन सिंह को 155646 मत मिले थे। 1984 के चुनाव में माकपा के बासुदेव आचार्य ने कांग्रेस के अरुन कुमार भट्टाचार्य को मात दी थी। बासुदेव आचार्य को 268136 मत और अरुन कुमार को 243920 मत मिले थे। 1989 के चुनाव में माकपा के बासुदेव आचार्य ने कांग्रेस के आशीष चक्रवर्ती को हराकर जीत की हैट्रिक मारी थी। बासुदेव आचार्य को 381087 मत और आशीष चक्रवर्ती को 256689 मत मिले थे। 1991 के चुनाव में माकपा के बासुदेव आचार्य ने फिर कांग्रेस के ब्रजबासी बिश्वास को हराया था। बासुदेव आचार्य को 374058 मत और ब्रजबाशी बिश्वास को 191435 मत मिले थे। 1996 के चुनाव में माकपा के बासुदेव आचार्य ने फिर कांग्रेस के गौरी शंकर दे को मात दी थी। बासुदेव आचार्य को 420402 मत मिले थे। गौरी शंकर दे को 191415 मत मिले थे। 1998 के चुनाव में माकपा के बासुदेव आचार्य ने भाजपा के सुकुमार बनर्जी को हराया था। बासुदेव आचार्य को 369695 मत और सुकुमार बनर्जी को 258112 मत मिले थे। 1999 के चुनाव में माकपा के बासुदेव आचार्य ने निर्दल नटबर बागदी को हराया। बासुदेव आचार्य को 381720 मत और नटबर बागदी को 274722 मत मिले थे। 2004 के चुनाव में माकपा के बासुदेव आचार्य ने तृकां के देब प्रसाद कुंड़ को हराकर जीत का सिलसिला बरकरार रखा। बासुदेव आचार्य को 417798 मत और देब प्रसाद को 187469 मत मिले थे। 2009 के चुनाव में माकपा के बासुदेव आचार्य ने फिर कांग्रेस के सुब्रत मुखर्जी को मात दी थी। बासुदेव आचार्य को 469223 मत और सुब्रत मुखर्जी को 361421 मत मिले थे। लेकिन

2014 के चुनाव में माकपा के बासुदेव आचार्य को हराकर इस सीट पर कब्जा कर मुनमुन सेन ने माकपा के इस लाल दुर्ग को ढ़हा दिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.