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विभाजन व प्रतिहंसा की राजनीति नहीं होनी चाहिए : सुनील

दुर्गापुर तृणमूल कांग्रेस (तृकां) में बगावती सूर लगातार जारी है। विरोधी दल हिसा को लेकर

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Dec 2020 06:56 PM (IST)Updated: Wed, 16 Dec 2020 06:56 PM (IST)
विभाजन व प्रतिहंसा की राजनीति नहीं होनी चाहिए : सुनील
विभाजन व प्रतिहंसा की राजनीति नहीं होनी चाहिए : सुनील

दुर्गापुर : तृणमूल कांग्रेस (तृकां) में बगावती सूर लगातार जारी है। विरोधी दल हिसा को लेकर तृकां पर निशाना साध रहे हैं। अब ब‌र्द्धमान पूर्व के तृकां सांसद सुनील मंडल ने पार्टी की कार्यप्रणाली व पीके के आइपैक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने राजनीति भी छोड़ देने की बात कही है। वहीं मंगलवार को कांकसा इलाका स्थित उनके आवास के पास भी मंगलवार को सुनील मंडल एवं सुवेंदु अधिकारी का एक साथ पोस्टर मिला। जहां मंगलवार सुवेंदु के आने की बात भी थी, लेकिन संध्या तक सुवेंदु नहीं पहुंचे थे।

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मीडिया कर्मियों से बात हुए करते हुए सुनील मंडल ने कहा कि जनता आक्रोश में है। यही कारण है कि ऐसा पोस्टर लग रहा है। कौन यह पोस्टर लगा रहा है, इसकी जानकारी नहीं है। सुवेंदु से बात होने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि बीस दिन से मातृ वियोग के कारण मैं राजनीति से दूर हूं। किसी से मेरा संपर्क नहीं हुआ है। सुवेंदु का शोक संदेश आया था। अगर आते हैं तो स्वागत है। उन्होंने कहा कि दीदी (मुख्यमंत्री) नया-पुराना सभी को लेकर काम करने की बात कह रही हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं हो रहा है। राजनीति में कभी भी विद्धेष, विभाजन व प्रतिहिसा उचित नहीं है। पहले विधायक अब सांसद के हिसाब से काम करने के समय मैं कोई दल नहीं देखा, ऐसा राजनीति मैं नहीं करता। जरूरत पड़ने पर राजनीति छोड़ देंगे। ऐसी स्थिति में राजनीति करने की इच्छा नहीं है। आंख के सामने दल को ध्वंस होता देखने की इच्छा नहीं हो रही है। नेत्री अकेले सांगठनिक दायित्व लेकर काम करती या सुब्रत मुखर्जी, सुब्रत बक्शी, पार्थ चटर्जी काम करते, तब ऐसी स्थित पार्टी के सामने नहीं होती। पीके पर हमलावर होते हुए कहा कि आइपैक एक बच्चा का है, आकर बोल रहा है यहां जुलूस करना होगा। किराया के सेना से युद्ध में जीत हासिल नहीं किया जा सकता। जिला नेतृत्व में आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने कभी गुटबाजी नहीं की। बावजूद चुनाव के बाद से अब तक जिलाध्यक्ष ने मुझे किसी बैठक में नहीं बुलाया। यहां तक की बीडीओ, पंचायत समिति के अध्यक्ष को भी मुझे नहीं बुलाने का निर्देश दिया है। लेकिन ब्लॉक अध्यक्ष, पंचायत प्रधान मेरे साथ है। दल नेत्री का निर्देश का पालन नहीं हो रहा है। मेरे सामने ही दल नेत्री ने जिला नेतृत्व को चेताया था। लेकिन स्थिति नहीं बदला। अर्थ लेकर अयोग्य नेता को प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। इस कारण उन्हें बड़ा पद मिल रहा है। अन्य किसी पार्टी में जाने के संबंध में कहा कि अभी मैं ऐसा कुछ नहीं सोच रहा हूं।


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