Move to Jagran APP

पश्चिम ब‌र्द्धमान जिले में माकपा-कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक भी खिसका

दुर्गापुर दस साल पहले तक जिले के साथ-साथ राज्य में भी माकपा का दबदबा था। लेकिन राज्य में जैस

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 12:57 AM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 12:57 AM (IST)
पश्चिम ब‌र्द्धमान जिले में माकपा-कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक भी खिसका
पश्चिम ब‌र्द्धमान जिले में माकपा-कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक भी खिसका

दुर्गापुर : दस साल पहले तक जिले के साथ-साथ राज्य में भी माकपा का दबदबा था। लेकिन राज्य में जैसे सत्ता परिवर्तन हुआ, तब से माकपा एवं कांग्रेस का वोट बैंक खिसकता जा रहा है। इस बार तो स्थिति ऐसी आ गई कि राज्य में माकपा यानि वामदल एवं कांग्रेस खाता खोलने में भी विफल रही है। वहीं राज्य के औद्योगिक जिले के रूप में परिचित पश्चिम ब‌र्द्धमान जिले में माकपा-कांग्रेस का वोट बैंक ऐसा खिसका की वे लोग जिले की किसी सीट पर अपनी जमानत भी नहीं बचा सके।

loksabha election banner

जब राज्य में वाममोर्चा का कब्जा था, तब जिले में उनकी तूती बोलती थी। लेकिन वर्ष 2011 के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने वामदलों को जबरदस्त हार मिली एवं जिले की नौ सीटों में मात्र दो सीट जामुड़िया एवं पांडवेश्वर में उसे जीत मिली थी। जबकि अन्य सात सीटें तृणमूल के खाते में गई थी। वर्ष 2016 के चुनाव में माकपा व कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा, जिसका फायदा भी हुआ। जिले की नौ सीटों में दुर्गापुर पश्चिम, दुर्गापुर पूर्व, रानीगंज एवं जामुड़िया में उन्हें जीत मिली एवं बाकी पांच सीटों पर दूसरे नंबर पर थी। लेकिन इस बार के चुनाव में जहां चार सीटें उनकी थी, वहां भी माकपा व कांग्रेस तीसरे नंबर पर खिसक गई एवं कोई प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। जबकि पूरे जिले की नौ सीटों पर तृणमूल एवं भाजपा में टक्कर हुई। जिसमें छह सीटों पर तृणमूल एवं तीन सीटों पर भाजपा को जीत मिली। माकपा व कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक भी उनके हाथ से खिसक गया।

------------------------

तीन विधानसभा सीट पर माकपा को दस फीसद से अधिक मिला वोट : माकपा ने इस बार पांच सीटों पर खुद चुनाव लड़ा था। जबकि तीन सीट कांग्रेस एवं एक सीट आइएसएफ को दिया था। माकपा को पांच सीटों में मात्र तीन सीटों दुर्गापुर पूर्व में 15.08 फीसद, जामुड़िया 14.89 फीसद एवं रानीगंज में 11.9 फीसद मिला। यानि उक्त तीन सीट पर 10 फीसद से अधिक वोट मिला। अन्यथा बाकी जगह दस फीसद से भी कम वोट मिला।

------------------------

वोट के लिए तरसती रही कांग्रेस :

पिछले वर्ष 2016 के चुनाव में कांग्रेस ने जिले की दो सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन उसे एक सीट पर जीत मिली थी। इस बार माकपा ने कांग्रेस को तीन सीटें दी थी। लेकिन हर सीट पर कांग्रेस एक-एक वोट के लिए तरसती रही। दुर्गापुर पश्चिम सीट जहां उसे पिछली बार जीत मिली थी, वहां उसे मात्र 9.16 फीसद वोट मिला। वहीं कुल्टी में कांग्रेस प्रत्याशी को मात्र 3.3 फीसद एवं बाराबनी में कांग्रेस प्रत्याशी को 5.3 फीसद वोट मिला।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.