Move to Jagran APP

कारखानों की गंदगी से दूषित हो रही नदी

संवाद सहयोगी जामुड़िया जामुड़िया के तपसी ग्राम पंचायत अंतर्गत भिखारी पाड़ा एवं स्टेशन पाड़ा

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 11:06 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 11:06 PM (IST)
कारखानों की गंदगी से दूषित हो रही नदी
कारखानों की गंदगी से दूषित हो रही नदी

संवाद सहयोगी, जामुड़िया : जामुड़िया के तपसी ग्राम पंचायत अंतर्गत भिखारी पाड़ा एवं स्टेशन पाड़ा के लोगों ने यहां के कारखानों द्वारा सिहारण नदी को गंदा करने का आरोप लगाया है। रविवार को बड़ी संख्या में तपसी गांव के ग्रामीणों ने श्याम सेल कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए तैयार किए गए आवासों के समक्ष हंगामा किया।

loksabha election banner

भिखारी पाड़ा निवासी बादाम बाउरी ने कहा कि जामुड़िया में कई सारी छोटी-बड़ी कंपनियां हैं, जो लगातार सिहारण नदी को गंदा कर रही हैं। श्याम सेल कारखाने में अपने कर्मचारियों को रहने के लिए जहां आवास तैयार किया है इन आवासों से निकलने वाला सारा गंदा पानी सीधे तौर पर नदियों से संपर्क करता है, इसके अलावा इस कंपनी से निकलने वाले गंदगी की निकासी भी सीधे नदी से जुड़ी है। इन सब कारणों से इस नदी का जल इतना गंदा हो चुका है कि नदी का पानी प्रयोग लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि एक वक्त ऐसा था जब यहां के लोग पेयजल के लिए नदी का जल प्रयोग करते थे मौजूदा वक्त में इस जल को पीना तो दूर की बात नदी का पानी इतना गंदा है कि इस पानी से रोजमर्रा का कार्य भी नहीं किया जा सकता। नदी में स्नान करने से लोगों को तरह-तरह की बीमारियां हो रही हैं। कई ऐसे भी लोग हैं जो रोजमर्रा की जरूरतों के लिए केवल मात्र नदी के जल पर निर्भर है ऐसे लोगों को विशेषकर समस्याएं सहनी पड़ रही है।

उन्होंने कहा कि इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने कई बार कंपनी को नदी के साथ कारखाने के कचरों का संपर्क करने से मना किया है परंतु कंपनी का ग्रामीणों की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। दिन प्रतिदिन कंपनी में गंदगी बढ़ती जा रही है उसी परिमाण में नदियों में ज्यादा मात्रा में कंपनी की गंदगी बहाई जा रही है। अगर जल्दी ही प्रशासन इस पर कार्रवाई नहीं करती है तो वह दिन दूर नहीं जब जीवनदायिनी इस नदी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि जब भी कोई इस समस्या के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करता है तो कंपनी कि लोग उस व्यक्ति के साथ समझौता कर लेते है, जिस कारण यह समस्या ज्यों की त्यों रह जाती है। उन्होंने मांग की कि कंपनी कारखाने से निकलने वाली गंदगी को नदियों में फेंकने के बजाय कोई दूसरा मार्ग निकालें, वरना भविष्य में सारे ग्रामीण मिलकर एक बड़े आंदोलन का आह्वान करेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.