Move to Jagran APP

राशन लेने के लिए दो किमी दूर जाता है दिव्यांग शुकूर

संवाद सहयोगी सांकतोड़िया राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आदिवासी व गरीबों के उन्नयन के ि

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 07:18 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 07:18 PM (IST)
राशन लेने के लिए दो किमी दूर जाता है दिव्यांग शुकूर
राशन लेने के लिए दो किमी दूर जाता है दिव्यांग शुकूर

संवाद सहयोगी, सांकतोड़िया : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आदिवासी व गरीबों के उन्नयन के लिए कई जन-उन्मुख परियोजनाएं शुरू की हैं। लेकिन आज भी डोर-टू-डोर राशन कार्यक्रम लागू नहीं होने के कारण लोगों को परेशानियां हो रही हैं। नितुरिया के आदिवासी बहुल धांगा जोड़ गांव में कोई राशन की दुकान नहीं है। धांगाजोड़ गांव के आदिवासियों को परेशानी झेलकर दो किमी दूर बोड़ा गांव के राशन डीलर के पास राशन लेने आना पड़ रहा है।

loksabha election banner

------------------

बूढ़ी मां अपने लाचार बेटे संग राशन लाने जाती हैं दो किलोमीटर दूर :

गांव की रहने वाली विधवा लक्ष्मी सोरेन का इकलौता बेटा शुकुर सोरेन शारीरिक रूप से विकलांग है। वह अपने बेटे को व्हील चेयर पर बिठाकर दो किमी रास्ता तय कर बोड़ा गांव स्थित उक्त राशन डीलर के पास राशन लेने पहुंचती है। जबकि सरकार ने डोर-टू-डोर कार्यक्रम शुरू किया है। रघुनाथपुर खाद्य विभाग और जिला खाद्य विभाग की उदासीनता के कारण आदिवासी बहुल गांव के लोग दुआरे राशन प्रकल्प की सुविधा से वंचित हैं। विधवा लक्ष्मी सोरेन ने कहा कि उनका इकलौता बेटा विकलांग है। हिल नहीं सकता। राशन लेने पहुंची बूढ़ी औरत लक्ष्मी सोरेन से जब पूछा गया कि जब राशन में चावल, गेहूं और आटा ही एकमात्र भरोसा है, तो विकलांग लड़के को क्यों लाई? तो उसने कहा कि राशन की दुकान की मशीन पर लड़के के हाथ के निशान नहीं लगने पर राशन नहीं मिलेगा।

गांव व उसके आसपास नहीं है राशन की दुकान :

इलाके के आदिवासी नेता बेल टुडू ने कहा कि धांगा जोड़ गांव में राशन की कोई दुकान नहीं है। गांव के बुजुर्गों को राशन लेने के लिए 2 किमी दूर गांव जाना पड़ता है। चावल, गेहूं और आटा किसी के कंधों पर ले जाना बहुत मुश्किल है। राशन लाने में पूरा दिन लग जाता है। राज्य सरकार द्वारा शुरू किया गया दरवाजे पर राशन इस गांव में प्रभावी नहीं हुआ।

क्या कहते हैं रघुनाथपुर के विधायक :

रघुनाथपुर विधायक विवेकानंद बाउरी ने कहा कि बुआ भतीजा के कहे अनुसार बंगाल में सरकार चल रही है। यहां काम संविधान के मुताबिक नहीं होता है। इसलिए अधिकारी इतने लापरवाह हैं। जिला खाद्य विभाग के अधिकारियों के सहयोग से राशन में भ्रष्टाचार चल रहा है। निरीक्षण के नाम पर खाद्य विभाग के अधिकारी हर माह भारी मात्रा में टीए बिल उठा रहे हैं। कहा कि 2020 में लाकडाउन के दौरान केंद्र सरकार ने गरीबों को मुफ्त चावल, गेहूं और दाल मुहैया कराई। जिला खाद्य विभाग के कुछ अधिकारियों ने गरीबों की खाद्य सामग्री को लेकर भ्रष्टाचार किया है। ------------

कहते हैं पदाधिकारी

रघुनाथपुर एस डी ओ प्रियदर्शिनी भट्टाचार्या ने कहा कि दुआरे राशन लागू हुआ है। अगर लक्ष्मी सोरेन को जो भी असुविधा हो रही है तो उनका संपर्क नम्बर, ठिकाना प्रदान करें, व्यवस्था की जाएगी। दूसरी तरफ विकलांग प्रमाण पत्र नहीं मिलने के बारे में कहा कि दुआरे सरकार में प्राप्त आई डी नंबर है तो उपलब्ध करवाएं मैं बीडीओ से बात करूंगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.