बंगाल में कानून व्यवस्था खत्म
संवाद सहयोगी बर्नपुर दुर्भाग्य की बात है कि सभी जिलों में राजनीतिक हत्या हो रही है। हावड
संवाद सहयोगी, बर्नपुर : दुर्भाग्य की बात है कि सभी जिलों में राजनीतिक हत्या हो रही है। हावड़ा, जलपाईगुड़ी, कैनिन, मुर्शिदाबाद आदि में रोज हत्या हो रही है। इसका एक कारण है कि राज्य में कानून व्यवस्था नहीं है। दूसरी बात यह है कि पुलिस के ऊपर भी भरोसा नहीं है। चुनाव के बाद हिसा में 60 लोग मारे गए, भाजपा ने उसकी जांच की मांग की थी, जिस पर जांच का निर्देश कोर्ट ने दिया है। कोर्ट को यहां की पुलिस के ऊपर भी भरोसा नहीं है, कोर्ट बोलती है कि जांच के लिए सीआइएसएफ को ले जाए। मुख्यमंत्री भीख लेने के लिए नई दिल्ली गई हैं, कोई त्रिपुरा, कोई गोवा गया है, पश्चिम बंगाल के लोगों का क्या होगा, जो यहां को गोवा बनाना चाहते थे, वह अब गोवा को बंगाल बनाने जा रही है। उक्त बातें भाजपा के सांसद सह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने बुधवार सुबह बर्नपुर बस स्टैंड में चाय पर चर्चा कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुलाकात करने पर चुटकी लेते हुए कहा वक्त कहे बांका तो गधे को कहे काका। खाने को कुछ नहीं, वेतन देने को कुछ नहीं, डीए नहीं, इसलिए प्रधानमंत्री का पांव पकड़ना होगा, कोई उपाय नही है। उन्होंने कहा कि महिलाओं पर हिसा और राज्य में अराजकता बढ़ गई है। धीरे-धीरे मुख्यमंत्री के हाथ से नियंत्रण बाहर होता जा रहा है। इस दौरान विधायक अग्निमित्रा पाल, भाजपा प्रदेश नेता पवन कुमार सिंह, कृष्णेंदु मुखर्जी, जिला कोर्डिनेटर शिवराम वर्मन, बप्पा चटर्जी, दिलीप दे आदि मौजूद थे।
दिलीप घोष के वाहन का घेराव कर प्रदर्शन : पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और सांसद दिलीप घोष चाय पर चर्चा करने के लिए जब बर्नपुर बस स्टैंड से वापस जाने लगे, तभी उनके काफिले के सामने टीएमसी समर्थकों ने खेला होबे और दिलीप घोष मुर्दाबाद तथा गो बैक के नारे लगाना शुरू कर दिया। इसी दौरान वहां भाजपा के भी समर्थक आ गए और दिलीप घोष जिदाबाद और जय श्रीराम के नारे लगाने लगे। जिससे थोड़ी देर के लिए स्थिति तनावपूर्ण बन गई। बाद में पुलिस की मदद से स्थिति को सामान्य किया गया। आसनसोल दक्षिण की विधायक अग्निमित्रा पाल ने टीएमसी पर जमकर निशाना साधा और कहा कि ममता बनर्जी के शासनकाल में बंगाल में पेट्रोल डीजल की कीमतें आसमान छू रहीं हैं। चिकित्सक, नर्स, शिक्षक सभी आंदोलन कर रहें हैं। होम में बच्चों का यौन शोषण हो रहा है। इन सब मुद्दों पर ध्यान न देकर टीएमसी के गुंडे बेवजह की नारेबाजी कर रहें हैं।
खेला होबे नारे से उत्तेजित होने की जरूरत नही : रानीगंज के विधायक तापस बनर्जी ने पलटवार करते हुए कहा कि खेला होबे एक नारा है, जिसपर किसी को भी उत्तेजित नहीं होना चाहिए। दिलीप घोष जिस तरह की बयानबाजी करते है उसे सभ्य समाज में दोहराया तक नहीं जा सकता है। ऐसे में खेला होबे पर इतना नाराज होने की कोई आवश्यकता नहीं है। दिलीप घोष के काफिले के समक्ष नारा लगा रहे टीएमसी समर्थकों में मो. समीर, सैकत दे आदि ने कहा कि वह पार्टी झंडे के बिना ही यहां आए है, त्रिपुरा में जिस तरह से टीएमसी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर अत्याचार किया जा रहा हैं, उसका ही विरोध जता रहे है।