अपहरण का नाटक रच बेटे ने पिता से ही मांगी 10 लाख की फिरौती
आसनसोल पिता से 10 लाख रुपये लेने के लिए बेटे ने खुद अपने ही अपहरण का नाटक रचा। आसनसोल
आसनसोल : पिता से 10 लाख रुपये लेने के लिए बेटे ने खुद अपने ही अपहरण का नाटक रचा। आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस ने इसका पर्दाफाश किया है। चित्तरंजन थाना की पुलिस ने फर्जी अपहृत मुकेश की तलाश में निरसा के गांव में छापेमारी कर बुधवार रात को उसे बरामद कर लिया। छानबीन के दौरान पता चला कि उसने खुद अपने अपहरण का नाटक रचा था। पुलिस सूत्रों के अनुसार गुरुवार की सुबह पुलिस मुकेश को लेकर चित्तरंजन आई। उसे कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे उसके पिता के पास भेजने का निर्देश दिया। कोर्ट में युवक का बयान कलमबंद किया गया। पुलिस ने बताया कि चित्तरंजन के 40 नंबर स्ट्रीट के पांच डी क्वार्टर निवासी मुकेश चक्रवर्ती बुधवार की सुबह काम पर जाने के लिए घर से निकला था। दो घंटे में वह लौटने वाला था। लेकिन शाम तक नहीं लौटा। उसका मोबाइल भी बंद था। शाम करीब साढ़े सात बजे मुकेश ने खुद अपने पिता रेलकर्मी संतोष चक्रवर्ती व अन्य लोगों को फोन कर बताया कि आसनसोल जाने के क्रम में बाइपास में एक काले रंग की गाड़ी में कुछ लोगों ने उसका अपहरण कर लिया है। उसकी पिटाई की और भूखे पेट धनबाद में किसी घर में बंद कर रखा है। उसने बताया कि अपहरणकर्ता 10 लाख रुपये की फिरौती मांग रहे हैं। यह सुनकर स्वजन चितित हो गए। वह लोग चित्तरंजन थाना गए और पुलिस को सारी बातों की जानकारी देकर शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने मुकेश के मोबाइल लोकेशन को ट्रैक कर छानबीन शुरू की। देर रात करीब दो बजे झारखंड के निरसा के मारकूड़ा गांव में छापा मारकर पुलिस ने उसे बरामद कर लिया। इस गांव में मुकेश के पिता संतोष चक्रवर्ती के मामा अशोक बनर्जी का घर है। वहां वह आराम से सो रहा था। वहीं अशोक बनर्जी को अपहरण के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं थी।
खुद अपनी बातों में फंस गया मुकेश
पुलिस सूत्रों के अनुसार मुकेश ने पिता से रुपये ऐठने के लिए ही अपने अपहरण का नाटक रचा था। जब वह अपने अपहरण की बात कर रहा था, तो कभी कुल्टी, कभी धनबाद तो कभी दिल्ली में होने की बात कह रहा था। इससे ही पुलिस को शक होने लगा था। वह पहले एक निजी बैंक में काम करता था। किसी कारणवश उसकी नौकरी चली गई। फिर वह एक निजी फाइनेंस कंपनी में काम करने की बात कहता था, लेकिन वह उसमें काम ही नहीं करता था। मुकेश ने 10 लाख रुपये के लिए अपने अपहरण की साजिश क्यों रची यह पता नहीं चल पाया है। उसके पिता संतोष चक्रवर्ती ने कहा कि कुछ समझ नहीं आ रहा है कि उसने ऐसा क्यों किया। वर्जन
मुकेश ने खुद अपने अपहरण की जानकारी घरवालों को दी थी। इसके बाद पुलिस ने उसे उसके पिता के मामा घर से बरामद किया। अदालत के निर्देश पर उसे उसके पिता के पास भेज दिया गया है। उसका बयान दर्ज किया गया है।
विश्वजीत महतो, पुलिस डीसीपी, आसनसोल-दुर्गापुर