आसनसोल : आसनसोल के पूर्व मेयर जीतेंद्र तिवारी टीएमसी में रहते हुए राजनीति के शिखर पर पहुंचे थे। वह खुद इस बात को स्वीकार भी करते थे। एक छात्र नेता से राज्य के कद्दावर नेता बने थे। जीतेंद्र तिवारी 2006 में तृणमूल की टिकट पर रानीगंज से विधानसभा चुनाव से लड़े थे। 2009 में तृणमूल के टिकट पर पार्षद बने, आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन बने। 2015 में दोबारा तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर पार्षद चुने गए। तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने आसनसोल का पहला हिदीभाषी मेयर जीतेंद्र तिवारी को बनाया। 2016 में उन्हें पांडेश्वर विधानसभा से टिकट दिया। वहां से वाममोर्चा के कद्दावर नेता गौरांग चटर्जी को हराकर विधायक बने। उसके बाद से उनका राजनीतिक कैरियर जैसे फर्राटा भरने लगा था। देखते ही देखते वे तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता बन चुके थे। तृणमूल कांग्रेस में उनका कद काफी बढ़ गया था। उनके बढ़ते कद को देखकर अपनी ही पार्टी के स्थानीय नेताओं के बीच उनकी 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार के बाद जिलाध्यक्ष की कमान भी उन्हें सौंप दी गई थी। उसके बाद से राज्य के श्रम व कानून मंत्री मलय घटक, जिला को-आर्डिनेटर वी. शिवदासन से उनकी खाई गहरी होती गई। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस ने 2020 में मलय घटक को पार्टी का जिला चेयरमैन नियुक्त कर दिया। अक्टूबर में नगर निगम बोर्ड की मियाद खत्म होने के बाद उन्हें नगर निगम प्रशासक बोर्ड का चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था। इसके बाद 17 दिसंबर को उन्होंने नगर निगम प्रशासक चेयरपर्सन तथा तृणमूल कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उसी समय उनके भाजपा में जाने की अटकलें लगाई जा रही थी। लेकिन उस समय वह वापस तृणमूल में लौट आए। इसके बाद तृणमूल में अलग-थलग पड़ गए थे। पार्टी में सक्रियता भी कम हो गई थी। बीते माह 16 फरवरी को उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी गई। वहीं चर्चा थी कि तृणमूल उन्हें रानीगंज से उम्मीदवार बना रही थी। जबकि वह पांडेश्वर से टिकट चाह रहे थे।
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डिसरगढ़ में मना जश्न
जीतेंद्र तिवारी के भाजपा में शामिल होने के बाद डिसरगढ़ इलाके में पूर्व पार्षद सह भाजपा नेता अभिजीत आचार्या उर्फ बाप्पा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। यहां जमकर आतिशबाजी की। अभिजीत आचार्य ने कहा कि अब खेल होगा।
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टीएमसी को फर्क नहीं पड़ेगा : दासू
प्रदेश टीएमसी सचिव सह जिला को-आर्डिनेटर वी. शिवदासन दासू ने कहा कि जीतेंद्र तिवारी के जाने से तृणमूल कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हमलोगों को पहले से पता था कि वे भाजपा में जा रहे हैं। उसके जाने से भाजपा को ही भीतरघात का सामना करना पड़ेगा। भाजपा के पुराने कार्यकर्ता ही उसे स्वीकार नहीं करेंगे। तृणमूल को इससे कोई क्षति नहीं होगी, बल्कि और मजबूती के साथ एकजुट होकर लड़ेगी।
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फोटो नंबर 13
पूर्व पार्षद ने भी किया भाजपा में शामिल होने का ऐलान
जीतेंद्र तिवारी के नगर निगम चेयरपर्सन से इस्तीफा देने के साथ ही तृणमूल कांग्रेस के दो पूर्व पार्षद अभिजीत आचार्य एवं अमित तुलस्यान उर्फ सोनू ने भी इस्तीफा दिया था अभिजीत ने बीते दिनों भाजपा का दामन थाम लिया था। अब जीतेंद्र तिवारी के भाजपा में जाने के बाद अमित तुलस्यान उर्फ सोनू ने भी भाजपा में शामिल होने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जीतेंद्र तिवारी के नेतृत्व में वे लोग आसनसोल के विकास के लिए काम करेंगे।
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