अंडाल : ईसीएल के काजोड़ा क्षेत्र के हरीशपुर गांव के लोगों ने पुनर्वास की मांग को लेकर आंदोलन जारी रखा है। पिछले 14 दिनों से जामबाद ओसीपी के रास्ते पर बैठकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं एवं ईसीएल के परिवहन को रोक कर रखा है। बुधवार को ईसीएल प्रबंधन द्वारा परिवहन शुरू करने की कोशिश की गई, लेकिन ग्रामीण डंपर के सामने आकर बैठ गए एवं वाहन को बढ़ने नहीं दिया। इससे तनाव भी देखने को मिला।
हरीशपुर गांव में पिछले सात माह पहले भूधंसान की घटना हुई थी। इसमें गांव का लगभग सभी सभी घर चपेट में आ गया था। तब से ग्रामीणों ने पुनर्वास की मांग को तेजी से उठाया है। उस समय प्रशासनिक बैठक में छह माह में पुनर्वास देने एवं तत्काल उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रखने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन फिलहाल कुछ भी नहीं हुआ। मजबूरन लोग जान जोखिम में डालकर अपने टूटे आशियाने में रहने को विवश हैं। अब पुनर्वास की मांग को तेज कर दिया है। ग्राम कमेटी के सदस्य नयन गोप ने बताया कि हरीशपुर के 670 परिवार जान जोखिम में डालकर रह रहे हैं। वहां पानी की समस्या है। ईसीएल प्रबंधन की ओर से लोगों की सुविधा के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। इस कारण 14 दिनों से परिवहन ठप कर आंदोलन किया जा रहा है। हमारा यह आंदोलन आगे भी जारी रहेगा। मालूम हो कि इनके आंदोलन से ईसीएल साइडिग में जामबाद ओसीपी का कोयला भेजने में बाधा दी जा रही है। इसके कारण कोयले की ढुलाई बाधित हो रही है एवं कोयला का स्टॉक भी जमा हो रहा है। इसके कारण अगलगी की घटना भी हो सकती है।
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