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कोरोना संक्रमित शव जलाना है तो देने होंगे 15 हजार रुपये

दुर्गापुर कोरोना लोगों की जान ले रहा है। अपनों की मौत का दर्द झेल रहे स्वजनों को अब

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 12:19 AM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 12:19 AM (IST)
कोरोना संक्रमित शव जलाना है तो देने होंगे 15 हजार रुपये
कोरोना संक्रमित शव जलाना है तो देने होंगे 15 हजार रुपये

दुर्गापुर : कोरोना लोगों की जान ले रहा है। अपनों की मौत का दर्द झेल रहे स्वजनों को अब शवों के अंतिम संस्कार में भी जख्म दिए जा रहे हैं। मानवता को शर्मसार करने वाले लोग उनसे 15 हजार रुपये वसूल रहे हैं। दुर्गापुर के बीरभानपुर श्मशान घाट पर ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। दुखी स्वजन जब 15 हजार रुपये देने में असमर्थता जताते हैं तो उनसे कहा जाता है कि शव नहीं जलाएंगे। उसके बाद तय तोड़ होता है। मंगलवार की रात हुई ऐसी ही एक घटना की जांच का एसडीएम को निर्देश जिला शासक ने दिया है।

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दुर्गापुर के बीरभानपुर श्मशान घाट में रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक कोरोना संक्रमितों के शव का दाह संस्कार होता है। शव एंबुलेंस से लाया जाता है। यहां इसका विद्युत शवदाह गृह में संस्कार होता है। यहां काम दाह संस्कार करने वाले कर्मी करते हैं। मानवता तब दरक उठती है जब ये लोग मरने वाले के परिवार से दर तय करते हैं। उसके बाद शव गाड़ी से उतारते है। मंगलवार को दुर्गापुर शहर निवासी सेना के पूर्व जवान की मौत संक्रमण से हो गई थी। रात में भाई रिश्तेदारों के साथ शव लेकर श्मशान घाट आया। दाह संस्कार के लिए रात 3.15 बजे का समय दिया गया था। तभी कर्मी उसके स्वजनों के पास आए। सीधे 15 हजार रुपये मांगे। भाई सुनकर रो पड़ा। कहा कि इतना पैसा नहीं है। हम तो यूं ही परेशान हैं, कुछ कम कर दें। मगर कर्मी नहीं माने तो विवाद होने लगा। घरवालों ने पुलिस को बुलाया। पुलिस ने समझाया पर कर्मी मानने को तैयार नहीं थे। देर भी हो रही थी। अंत में भाई ने 4000 रुपये में उनको किसी प्रकार तय किया। शव उठाने के लिए एंबुलेंस के चालकों का सहयोग लिया। तब कर्मियों ने उनको दो पीपीई किट दीं, उस मद में भी एक हजार रुपये लिए। बुधवार को दुर्गापुर एसडीएम से इसकी शिकायत की गई। तब महकमा प्रशासन रेस हुआ। जानकारी पश्चिम ब‌र्द्धमान जिला शासक के पास पहुंची, उन्होंने पूरी रिपोर्ट एसडीएम से मांगी है।

सरकारी अस्पताल से आए शव को जलाने में परेशानी नहीं : कोरोना संक्रमण का इलाज सरकारी व निजी अस्पताल में हो रहा है। सरकारी अस्पताल से आए शव के साथ पुलिस जाती है। इसमें दाह संस्कार में समस्या नहीं कर पाते है। निजी अस्पताल से आए शव के साथ पुलिस नहीं रहती है। इसका फायदा उठाकर कर्मी मनमानी कर रहे हैं।

धौंस भी दिखाते हैं कर्मी : कर्मी दुखी परिवार से पैसा लेने को एक अधिकारी की भी धौंस देते हैं। पीड़ित परिवार के राजन मित्रा ने बताया कि कर्मी अपने सुपरवाइजर से बात करने को कहते हैं। इधर कर्मियों पर यह भी आरोप है कि सामान्य मौत होने पर भी शव जलाने के लिए वे 500 से 1000 रुपये तक वसूलते हैं।

क्या कहते हैं एसडीएम

मामले की जांच कर रहे है। जो भी वसूली गिरोह है, उस पर कार्रवाई होगी। ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं होगी। दोषियों पर कार्रवाई तय है।

अ‌र्घ्य प्रसून काजी, एसडीएम, दुर्गापुर


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