हरेराम की राह में रोड़ा बने बागी व निष्क्रिय कार्यकर्ता
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संवादसूत्र, जामुड़िया : जामुड़िया विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी हरेराम सिंह के लिए जीत की राह मुश्किलों भरी है। एक ओर विरोधी पार्टी भाजपा व माकपा से चुनावी लड़ाई है। वहीं दूसरी सबसे बड़ी कठिनाई अपने ही पार्टी के बागी व निष्क्रिय पार्टी नेताओं व समर्थकों को लेकर है। तृणमूल कांग्रेस के श्रमिक संगठन केकेएससी की ओर से महासचिव हरेराम सिंह के प्रत्याशी बनने के बाद ही जामुड़िया के कद्दावर तृणमूल कांग्रेस नेता आलोक दास पार्टी से इस्तीफा देकर पार्टी से निष्क्रिय हो गए।
वहीं कुछ दिनों बाद ही जामुड़िया के वरिष्ठ तृणमूल कांग्रेस नेता पूर्णशशि राय ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। लेकिन बाद में उच्च नेतृत्व के मनाने पर यू टर्न लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में काम करने का आश्वासन पार्टी नेतृत्व को दिया। लेकिन पार्टी के प्रचार में काफी कम ही दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा परसिया निवासी युवा नेता सह जामुड़िया पंचायत समिति के पूर्व उपाध्यक्ष व वर्तमान कर्माध्यक्ष उदिप सिंह भी पार्टी के कामकाज अथवा प्रचार-प्रसार में सक्रिय नहीं दिख रहें है। उदिप सिंह की परसिया के हिदीभाषी बाहुल्य क्षेत्र सहित बेलबाद, जोड़ जानकी आदि क्षेत्रों में जोरदार पैठ है।
इसके अलावा तपसी अंचल के लोकप्रिय तृणमूल कांग्रेस नेता मंजय चटर्जी व उनके समर्थक काफी दिनों से पार्टी में निष्क्रिय है। नार्थ सियारसोल के जुझारू श्रमिक नेता सुजीत तपादार भी पार्टी गतिविधियों में सक्रिय नहीं दिख रहें हैं। तृणमूल कांग्रेस के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष सह पश्चिम बर्द्धमान जिला परिषद के चेयरमैन तापस चक्रवर्ती व उनके बेटे जामुड़िया पंचायत समिति के कर्माध्यक्ष सन्नी चक्रवर्ती भी पार्टी प्रसार-प्रचार में कोई भूमिका नहीं निभा रहे हैं।
वहीं प्रत्याशी हरेराम सिंह के लिए सबसे चुनौती यह है कि जामुड़िया ब्लॉक दो तृणमूल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सह जामुडिया पंचायत समिति के अध्यक्ष स्वर्गीय प्रदीप बनर्जी उर्फ मुकुल बनर्जी के समर्थक पार्टी के कार्यक्रम से लेकर चुनाव प्रचार-प्रसार में किसी प्रकार की कोई भूमिका नहीं निभा रहें है।
पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष मुकुल बनर्जी के पास केंदा सहित डोबराना, चिचुडिया, श्यामला, हिजलगोडा, बहादुरपुर, तपसी व परसिया अंचल में काफी समर्थक हैं, जो चुनाव के इस दौर में निष्क्रिय नजर आ रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में जामुड़िया से तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी हरेराम सिंह को अपने ही दल के बागी व निष्क्रिय नेताओं, समर्थकों से कड़ी चुनौती मिल रही है जो चुनाव में घातक सिद्ध हो सकती है।