बीरभानपुर श्मशान घाट में केवल संक्रमितों के दाह संस्कार करने पर हो रहा विचार
बेनाचिति कोरोना संक्रमण एवं कोरोना मरीजों की मौत की संख्या रोज बढ़ रही है। इस कारण
बेनाचिति : कोरोना संक्रमण एवं कोरोना मरीजों की मौत की संख्या रोज बढ़ रही है। इस कारण दुर्गापुर के एकमात्र बीरभानपुर श्मशान घाट पर भी दबाव लगातार बढ़ रहा है। दिन में सामान्य एवं रात में कोरोना संक्रमिता का शव दाह संस्कार किया जा रहा है। लेकिन स्थिति दिन पर दिन जटिल होती जा रही है। अब श्मशान घाट में पूरा दिन कोरोना संक्रमितों का शव दाह संस्कार के बारे में प्रशासन की ओर से सोचा जा रहा है। इस संदर्भ में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक भी दुर्गापुर नगर निगम के सभागार में हुई। जिसमें इस विषय पर सभी से विचार किया गया। बैठक में निगम आयुक्त मयूरी बासु, मेयर परिषद सदस्य, बोरो चेयरमैन आदि मौजूद थे।
दुर्गापुर में दामोदर न दी के किनारे स्थित बीरभानपुर श्मशान घाट में बिजली संचालित दो चूल्हा है। प्रति घंटा वहां दो शव का दाह संस्कार किया जाता है। वर्तमान समय में समस्या बढ़ने पर इसके अलावा लकड़ी के चूल्हे पर भी दाह संस्कार किया जा रहा है। बावजूद इसके कतार लग जा रही है। दिन पर दिन वहां समस्या हो रही है। इस कारण अब विभिन्न वार्ड में स्थित श्मशान घाट को व्यवहार में लाने पर भी विचार किया जा रहा है। ताकि समस्या का समाधान हो सके। दुर्गापुर के 43 वार्ड में ऐसे 29 श्मशान घाट है। एक समय वह श्मशान घाट चालू था, लेकिन वर्ष 2007 में बीरभानपुर श्मशान घाट तैयार हो जाने के बाद वह सब श्मशान धीरे-धीरे बंद हो गया था। शहर के हर इलाके से शव बीरभानपुर ही आता है। गत वर्ष संक्रमण शुरू होने पर प्रशासन ने तय किया था कि दिन में सामान्य एवं रात में कोरोना संक्रमितों का दाह संस्कार होगा। वहीं प्रक्रिया अब भी चली आ रही है। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के बाद से मृतकों की संख्या बढ़ने से समस्या होने लगी है। ऐसे समय में माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमितों के दाह संस्कार के लिए दोनों चूल्हे का इस्तेमाल करना जरूरी है। मेयर परिषद सदस्य स्वास्थ्य विभाग राखी तिवारी ने कहा कि कोरोना संक्रमितों का शव बिजली के चूल्हे में दाह संस्कार करने से संक्रमण फैलने की संभावना कम रहेगी। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए बीरभानपुर श्मशान घाट में केवल कोरोना संक्रमित का शव दाह संस्कार करने पर विचार किया जा रहा है। वार्डों के श्मशान घाट को फिर से चालू करने से ही राहत मिलेगी।