साइबर अपराधी ने वृद्ध के खाते से उड़ाए तीन लाख
जागरण संवाददाता, आसनसोल : हर दिन किसी न किसी को लाखों की चपत लगाने वाले साइबर अपराधियों
जागरण संवाददाता, आसनसोल : हर दिन किसी न किसी को लाखों की चपत लगाने वाले साइबर अपराधियों का दुस्साहस इतना बढ़ गया है कि खुद ही पीड़ित को फोन कर बता रहे है कि उनके खाता से रुपये निकाल लिए हैं। आसनसोल साउथ थाना अंतर्गत सूर्यसेन पार्क में रहने वाले रेलवे से सेवानिवृत्त वृद्ध परेशान हैं कि उनकी मासिक पेंशन से बचाये गये रुपयों में से तीन लाख साइबर अपराधियों ने उड़ा लिए और अब पूछने पर उन्हें बता भी रहे हैं कि उनके दो बैंक एकाउंट से तीन लाख रुपये की निकासी कर ली है।
इलाका के एक बहुमंजिला भवन के फ्लैट में रहने वाले पीड़ित वृद्ध अपनी कैंसर पीड़ित पत्नी के साथ रहते हैं। साइबर अपराधियों ने उनके बैंक खाता से तो रुपये उड़ाये ही उनकी पत्नी के साथ संयुक्त खाता की भी जानकारी लेकर उससे भी निकासी कर ली। अब पीड़ित वृद्ध दंपती कहते हैं कि काश वे लोग नया एटीएम कार्ड लेने बैंक नहीं गये होते तो शायद आज यह दिन नहीं देखना पड़ता।
वृद्ध ने नाम नहीं छापने का अनुरोध करते हुए बताया कि एसबीआइ की बीएनआर शाखा में उनका खाता है। बैंक से एक पत्र आया उसमें नया एटीएम कार्ड था। जानकारी लेने को वृद्ध दंपती बीते 12 सितंबर को बैंक गए वहां से एटीएम को एक्टिवेट करने की जानकारी लेने के बाद कुछ राशि भी निकासी की। 13 सितंबर को अचानक एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को बैंक मैनेजर बताते हुए कहा कि आपने पुराना एटीएम कार्ड वापस क्यों नहीं किया। वृद्ध हड़बड़ा गए। साथ ही फोन करने वाले ने उनके कार्ड का नंबर बताते हुए वृद्ध को नंबर का मिलान करने को कहा। दो- तीन बार नंबर मिलाने के बाद उसने आधार कार्ड नंबर व पिन नंबर मांगा। लेकिन वृद्ध ने देने से मना कर दिया तो कार्ड के पीछे लिखा सीवीवी नंबर पूछा। इसके बाद मोबाइल में आए ओटीपी नंबर पूछने के साथ ही कहा कि आपका संयुक्त खाता का कार्ड लाएं। वृद्ध ने उक्त खाता का भी नंबर और सीवीवी नंबर बता दिया। इसके बाद वृद्ध को कहा कि 15 मिनट तक मोबाइल बंद रखे। अपराधियों ने उसी दिन वृद्ध के खाते से 49999 रुपये कर दो बार निकासी की। उनके संयुक्त खाता से भी एक बार 49999 रुपये निकाल लिये। पुन: 14 सितंबर को ओटीपी नंबर पूछकर उनके खाते से दो बार और संयुक्त खाता से एक बार में प्रत्येक बार 49999 रुपये की निकासी की। इसी बीच कोलकाता में रहने वाले वृद्ध के पुत्र ने उन्हें फोन किया तो वृद्ध ने उन्हें बताया कि कार्ड नहीं देने को बैंक से फोन आया था। पूरी बात सुनकर पुत्र ने माथा पीट लिया और तत्काल ही उन्हें हेल्पलाइन देकर दोनों कार्ड ब्लाक कराया। पीड़ित वृद्ध का कहना है कि आखिर अपराधी को उनके कार्ड का नंबर कैसे पता चल गया, वहीं उन्होंने कार्ड बदला और पुराना कार्ड लेकर आ गये इसकी भी जानकारी उसे कैसे लग गई। कहा कि वह चाहते है कि पुलिस अपराधी तक पहुंचे ताकि पता चल सके कि आखिर उसे कैसे इतनी गुप्त जानकारी हासिल हो गई। वहीं पीड़ित ने साइबर थाना और आसनसोल साउथ थाना में शिकायत दर्ज कराई है।