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आसनसोल में माकपा प्रत्याशी पर हमला, स्थिति गंभीर

माकपा प्रत्याशी पर हमला स्थिति गंभीर

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 06:20 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 06:20 PM (IST)
आसनसोल में माकपा प्रत्याशी पर हमला, स्थिति गंभीर
आसनसोल में माकपा प्रत्याशी पर हमला, स्थिति गंभीर

जागरण संवाददाता, आसनसोल : आसनसोल संसदीय सीट के माकपा प्रत्याशी गौरांग चटर्जी पर मंगलवार की सुबह प्रचार के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने हमला कर दिया। लाठी- डंडे से गौरांग व उनके सहयोगियों की बुरी तरह से पिटाई की गई। पिटाई से बुरी तरह से घायल गौरांग चटर्जी को आसनसोल जिला अस्पताल लाया गया। स्थिति गंभीर देखते हुए उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है। अस्पताल के समक्ष दर्जनों की संख्या में माकपा समर्थकों का जमावड़ा लगा रहा। माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य तपन कुमार सेन और पूर्व सांसद वंशगोपाल चौधरी ने भी अस्पताल पहुंचकर गौरांग चटर्जी का हाल पूछा।

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वंशगोपाल चौधरी ने कहा कि तृणमूल समर्थित कोयला माफियाओं ने जुलूस पर हमला किया। सीपी से मिलकर इसकी शिकायत की गई है। कहा कि चुनाव आयोग से निष्पक्ष चुनाव को लेकर उचित कदम उठाने की मांग की गई है।

अस्पताल अधीक्षक डा. निखिल चंद्र दास ने कहा कि सिर में चोट लगी है। आर्थोपेडिक सर्जन, जनरल सर्जन व अन्य विशेषज्ञ ने उनकी जांच की है। फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर है, सीटी स्कैन के बाद ही जख्म की गहराई के बारे में कुछ कहा जा सकता है।

बताया जाता है कि बाराबनी थाना के मदनपुर गांव में गौरांग चुनाव प्रचार के लिए जुलूस लेकर जा रहे थे। तभी लाठी- डंडा व पत्थर लेकर आए कुछ लोगों ने जुलूस पर हमला कर दिया।

इधर गौरांग चटर्जी पर हमले की खबर से वामपंथियों में आक्रोश है। पार्थ चटर्जी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने बाराबनी थाना के समक्ष जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस पर तृकां का कैडर बनकर कार्य करने का आरोप लगाया। इसके बाद संसदीय क्षेत्र के विभिन्न भागों में माकपा ने प्रतिवाद जुलूस निकालकर विरोध जताया।

दूसरी ओर बाराबनी के विधायक विधान उपाध्याय ने कहा कि वह लोग टीएमसी प्रत्याशी के नामांकन में आसनसोल आए हुए है। इस हमला से तृणमूल कांग्रेस का कुछ लेना-देना नहीं है। यह माकपा की आपसी गुटबाजी का परिणाम है। तृकां जिलाध्यक्ष वी शिवदासन दासू ने कहा कि इस हमला में तृकां का कोई व्यक्ति शामिल नहीं था। न तृकां का झंडा था और न ही कोई स्लोगन। गांव वालों ने आक्रमण किया क्योंकि 34 वर्षों में माकपा ने वहां कुछ नहीं किया और अब तृकां राज में वहां विकास हुआ है। माकपा वाले तृकां के खिलाफ बोल रहे थे इसलिए गांव वालों ने गुस्से में आक्रमण किया।


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