अधिवक्ताओं के हंगामा के बाद एफीडेविट बनाना बंद हुआ
आसनसोल आसनसोल महकमा शासक कार्यालय परिसर में प्रतिदिन एफिडेविट बनाने का कार्य गुरुवार क
आसनसोल : आसनसोल महकमा शासक कार्यालय परिसर में प्रतिदिन एफिडेविट बनाने का कार्य गुरुवार को बंद कर दिया गया। बुधवार को अधिवक्ताओं ने प्रत्येक दिन 50 के कोटा को बढ़ाकर 100 करने की मांग को लेकर हंगामा किया था। एफिडेविट को लेकर इन दिन से विवाद बना हुआ है। प्रतिदिन मात्र 50 एफिडेविट बनाने का महकमा शासक की ओर से आदेश दिया गया है, जिससे लोगों की समस्या बढ़ गई है। इसे लेकर विरोध में अधिवक्ताओं ने आसनसोल बार एसोसिएशन में शिकायत की। इसके साथ ही प्रतिदिन 100 एफिडेविट या उससे अधिक बनाने की मांग को लेकर हंगामा भी किया। जिसके बाद जब तक कोई फैसला नहीं होता तब तक के लिए एफिडेविट बनाने का कार्य बंद कर दिया गया। जिससे लोगों की समस्या और बढ़ गई है। अधिवक्ताओं ने कहा कि चीफ जुडीशियल मजिस्ट्रेट ने एफिडेविट बनाने के लिए 80 की संख्या निर्धारित की है, तो मजिस्ट्रेट की ओर से एफिडेविट सत्यापन को 50 कैसे निर्धारित किया जा सकता है। इससे सैकड़ों लोगों का कार्य कैसे होगा। इसमें बढ़ोतरी करना होगा। इस संबंध में एसडीओ देवजीत गांगुली को फोन किया गया, मगर उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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नकली हस्ताक्षर एवं स्टांप लगाकर एफिडेविट देने का चल रहा गोरखधंधा
कुछ अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि आसनसोल कोर्ट परिसर में मजिस्ट्रेट का नकली हस्ताक्षर एवं स्टांप लगाकर एफिडेविट बनाने का गोरखधंधा भी चल रहा है। एफिडेविट बनाने के लिए मजिस्ट्रेट के पास जिसका एफीडेविट है उसे उपस्थित रहना अनिवार्य होता है। मगर कुछ दलाल के माध्यम से एफिडेविट को बनाने के लिए अधिक रुपये लेकर उन्हें मजिस्ट्रेट के पास उपस्थित नहीं होने पर भी एफिडेविट बनाकर दिया जाता है। अधिवक्ताओं ने कहा कि इसकी जानकारी होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है।