अब राष्ट्र में बड़े बदलाव का वाहक बनेगा कोयला क्षेत्र
सांकतोड़िया भारत में कोयला खदान शुरू करने के लिए जरूरी सभी क्लीयरेंस और मंजूरी दिलाने
सांकतोड़िया : भारत में कोयला खदान शुरू करने के लिए जरूरी सभी क्लीयरेंस और मंजूरी दिलाने में सहयोग के लिए कोयला मंत्रालय ने सोमवार को एक सिगल विडो क्लीयरेंस पोर्टल लांच किया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने केंद्रीय कोयला व खान मंत्री प्रहृलाद जोशी की उपस्थिति में भारत की सबसे पहली व्यवसायिक कोयला खनन नीलामी के विजेताओं के साथ समझौते करने के लिए नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में इस पोर्टल को लांच किया। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री प्रहृलाद जोशी ने कहा कि कोयला क्षेत्र में व्यापक सुधार किए गए हैं, अब कोयला क्षेत्र राष्ट्र में बड़े बदलाव का वाहक बनेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साहसिक व निर्णायक नेतृत्व में कोयला क्षेत्र की व्यापक कायापलट हुई है। सिगल विडो क्लीयरेंस पोर्टल सरकार के मिनिमम गवर्नमेंट एंड मैस्कि्समम गवर्नेंस दृष्टिकोण को मजबूती देगा। देश में कोयला खदान शुरू करने के लिए अभी 19 बड़े अप्रूवल या क्लीयरेंस (मंजूरी) लेना पड़ता हैं। मंजूरी में विलंब होने से कोयला खदानों से कोयला उत्पादन शुरू करने में देर होती है। लेकिन अब इस प्रक्रिया को जल्द पूरा करने में यह सिगल विडो क्लीयरेंस पोर्टल मदद करेगा। जबकि अन्य मंजूरी से जुड़े मॉड्यूल चरणबद्ध तरीके से शुरू किए जाएंगे। कार्यक्रम में कोयला मंत्रालय ने भारत की सबसे पहली व्यवसायिक कोयला खनन नीलामी के सफल विजेताओं- वेदांता लिमिटेड, अदाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड, जिदल पावर लिमिटेड, हिडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड सहित कुल 19 विजेताओं के साथ समझौते भी किए। इस नीलामी की सफलता से भारत का लगभग 20 फीसद कोयला आयात कम होगा। इससे आत्म निर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त होगा।
उन्होंने कहा कि खनिज संपदा से संपन्न विभिन्न राज्यों के अनुभव और विभिन्न स्तर से मिली जानकारी के आधार पर सरकार खनन क्षेत्र में भी बड़े ढांचागत सुधार लाए जाएंगे। ये सुधार बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा करेंगे और खनिज उत्पादन बढ़ाकर देश में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देंगे।