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Water Conservation: सामुदायिक जल प्रबंधन से बुझी न्यू हरेती की प्यास, कुछ इस तरह ग्रामीणों ने पेश की मिसाल

Water Conservation धरासू-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू से दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित न्यू हरेती गांव में ग्रामीणों ने सामुदायिक जल प्रबंधन की मिसाल पेश की है। इस प्रबंधन में महिलाओं की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 25 Apr 2021 05:41 PM (IST)Updated: Sun, 25 Apr 2021 05:41 PM (IST)
Water Conservation: सामुदायिक जल प्रबंधन से बुझी न्यू हरेती की प्यास, कुछ इस तरह ग्रामीणों ने पेश की मिसाल
Water Conservation: सामुदायिक जल प्रबंधन से बुझी न्यू हरेती की प्यास। जागरण

शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी। धरासू-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू से दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित न्यू हरेती गांव में ग्रामीणों ने सामुदायिक जल प्रबंधन की मिसाल पेश की है। इस प्रबंधन में महिलाओं की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस पानी का उपयोग ग्रामीण पेयजल के साथ नगदी फसलों की सिंचाई में भी करने लगे हैं, जो ग्रामीणों की आर्थिकी में सुधार ला सकता है। इन महिलाओं को पेयजल योजना तैयार करने का जरूरी सामान और तकनीकी ज्ञान रिलायंस फाउंडेशन ने दिया है।

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दरअसल, राजमार्ग के निकट न्यू हरेती में ग्रामीणों की छानियां थी। राजमार्ग की सुविधा होने के कारण 20 वर्ष पहले हरेती गांव के 16 परिवारों ने न्यू हरेती में ही अपने स्थायी मकान बना लिए, लेकिन पानी के इंतजाम के लिए ग्रामीणों को एक किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। कम परिवार होने के कारण विभागों का ध्यान भी इस छोटे गांव के पेयजल संकट की ओर नहीं गया, लेकिन बीते वर्ष दिसंबर में गांव की महिलाओं व पुरुषों ने रिलायंस फाउंडेशन से संपर्क किया। 

पेयजल योजना बनाने के लिए सामान और जरूरी तकनीकी ज्ञान लिया। श्रमदान कर गांव से एक किलोमीटर की दूरी पर पेयजल स्नोत को टेप किया। दस हजार लीटर का एक पानी का टैंक बनाया और पाइपों के जरिये पानी को न्यू हरेती के घर-घर तक पहुंचाया। इस सामुदायिक प्रबंधन की व्यवस्था देखने के लिए ग्रामीणों ने राज राजेश्वरी पेयजल समिति बनाई। समिति की सचिव रीना देवी कहती है कि सामुदायिक जल प्रबंधन के लिए ग्रामीणों ने करीब एक माह तक श्रमदान किया। श्रमदान करने वालों में महिलाएं अधिक थी। रीना देवी कहती हैं कि गांव में पर्याप्त पानी पहुंच चुका है और पानी की आपूर्ति लगातार हो रही है। घर में पर्याप्त पानी आने से ग्रामीणों ने घर के आसपास सब्जियां उगानी शुरू कर दी हैं।

रिलाइंस फाउंडेशन के परियोजना निदेशक कमलेश गुरुरानी ने बताया पेयजल संकट से निपटने के लिए न्यू हरेती की महिलाओं ने सामुदायिक योजना तैयार की हैं। इन योजनाओं का स्वामित्व भी ग्रामीणों के पास है। पेयजल संकट से निकलने के लिए इस तरह की सामुदायिक भागीदारी जरूरी है।

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