बर्फ में फिसला वाहन, बड़ा हादसा होने से टला
बर्फबारी के बाद सीमांत जनपद में अभी हालत सामान्य नहीं हुए हैं।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : बर्फबारी के बाद सीमांत जनपद में अभी हालत सामान्य नहीं हुए हैं। बर्फ की चादर पर पाले की परत ने बर्फ को सख्त बना दिया है। जिससे सड़क और पैदल रास्तों पर चलाना खतरे से खाली नहीं है। रविवार को भैरव घाटी के पास एक बोलेरो वाहन बर्फ में फिसला सड़क के किनारे पलट गया।
गंगोत्री हाईवे पर पाले प्रभाव गंगनानी से लेकर गंगोत्री तक हो रहा है। पाले और बर्फ के कारण सबसे खतरनाक स्थिति सुक्की टॉप, भैराव घाटी की चढ़ाई और उसके ढ़लान पर है। इसके अलावा गंगोत्री हाईवे से हर्षिल जाने वाले मार्ग पर बर्फ की चादर पर जमा पाला शीशे जैसा बना हुआ है। जिसमें वाहन फिसल रहे हैं। रविवार को एक राष्ट्रीय बैंक के अधिकारी गंगोत्री गए थे, लेकिन जब वापस लौटे तो भैरव घाटी के पास उनका वाहन बर्फ में फिसला। शुक्र यह रहा है वाहन पहाड़ी की ओर नाली के पास एक टीले में पलट गया। वहां मौजूद गंगोत्री नेशनल पार्क के कर्मियों ने वाहन में फंसे अधिकारियों को बाहर निकाला। साथ पलटे हुए वाहन को सही करने के लिए बीआरओ के अधिकारियों से मदद मांगी। राड़ी टॉप से कफनोल, हर्षिल मुखवा मार्ग, सांकरी जखोल सहित उत्तरकाशी लंबगांव मार्ग के चौरंगी में पाले के कारण सड़क पर फिसलन बनी हुई है। देहरादून से उत्तरकाशी को जोड़ने वाला मार्ग भी सुवाखोली से लेकर मोरियाणा टॉप तक खतरनाक बना हुआ है। इन सड़कों पर वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं है। ऊंचाई वाले इलाकों के गांव में ग्रामीणों को बर्फ को पिघलाकर पानी का इंतजाम करना पड़ रहा है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने कहा कि रात के समय मौसम जितना साफ रह रहा है उतना अधिक पाला गिर रहा है। इसलिए वाहन चालकों से अपील की गई कि इन सड़कों पर संभल कर चले।