Move to Jagran APP

Coronavirus: कोविड-19 के इलाज को मानकों के अनुरूप सुरक्षित नहीं उत्तरकाशी का जिला अस्पताल

विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम को उत्तरकाशी के जिला अस्पताल में तमाम खामियां नजर आयी। कोविड-19 की रोकथाम में अस्पताल स्वास्थ्य कर्मियों और मरीजों के लिए भी सुरक्षित नहीं है।

By Edited By: Published: Wed, 29 Apr 2020 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2020 10:55 AM (IST)
Coronavirus: कोविड-19 के इलाज को मानकों के अनुरूप सुरक्षित नहीं उत्तरकाशी का जिला अस्पताल
Coronavirus: कोविड-19 के इलाज को मानकों के अनुरूप सुरक्षित नहीं उत्तरकाशी का जिला अस्पताल

उत्तरकाशी, जेएनएन। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम को उत्तरकाशी के जिला अस्पताल में तमाम खामियां नजर आयी। खासकर कोरोना संक्रमण कोविड-19 की रोकथाम में अस्पताल खुद स्वास्थ्य कर्मियों और अस्पताल में आने वाले मरीजों व तीमारदारों के लिए भी सुरक्षित नहीं है। 

loksabha election banner

विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य सर्विलांस मेडिकल अधिकारी डॉ. विकास शर्मा उत्तरकाशी पहुंचे। शहर में प्रवेश करने से पहले नगुण बैरियर में उनकी गाड़ी को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सेनिटाइज किया। साथ ही उनकी मेडिकल जांच भी की। जिसके बाद वे उत्तरकाशी के जिला अस्पताल पहुंचे। यहां जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने आइसोलेशन वार्ड और क्वारंटाइन वार्ड बनाएं हैं।

वार्ड का निरीक्षण करने के साथ ही उन्होंने जिला अस्पताल का इमर्जेंसी वार्ड और ओपीडी की व्यवस्थाओं को भी देखा। राज्य सर्विलांस मेडिकल अधिकारी ने अस्पताल परिसर में ही सीएमओ कार्यालय होने पर सवाल उठाए। सबसे अधिक हैरानी इस बात को लेकर व्यक्त की है कि जिला अस्पताल, महिला अस्पताल और सीएमओ कार्यालय में प्रवेश और निकासी का सिर्फ एक ही गेट है। जो कोविड-19 की सुरक्षा को लेकर मानकों के अनुरूप नहीं है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन से कहा कि प्रवेश के लिए दो गेट और निकासी के लिए एक गेट होना जरूरी है। अस्पताल का भवन भी जर्जर अवस्था में है।

उत्तरकाशी के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. डीपी जोशी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारी की ओर से उठाए गए सवाल सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। साथ ही उनकी ओर से दिए गए सुझाव पर अमल किया जा रहा है। जिससे अस्पताल कोविड-19 के लिए भी सुरक्षित रहे।

अस्पताल में बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण के साधन नहीं

डब्ल्यूएचओ की टीम ने जिला व महिला अस्पताल से निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण को लेकर सवाल उठाए। साथ ही 1967 में निर्मित अस्पताल भवन की जर्जर स्थिति पर भी अफसोस जताया। 

अस्पताल में बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण को पर्याप्त इंतजाम नहीं है। निस्तारण की व्यवस्था को लेकर सीएमओ और सीएमएस से पूछा गया तो बताया कि बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण के लिए अस्पताल के पास कोई संसाधन ही नहीं है। नगर पालिका बाड़ाहाट के पास भी बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। बायोमेडिकल वेस्ट को लेकर जिला अस्पताल में यह समस्या आज की नहीं है।

वर्ष 2019 में बायोमेडिकल वेस्ट का सही निस्तारण न होने पर जिलाधिकारी ने जिला अस्पताल पर पर्यावरण क्षति के एवज में 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। उसके बाद न तो कार्रवाई हुई और न अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधरी। जिला अस्पताल में पार्किंग के लिए कोई स्थल नहीं है। 

यह भी पढ़ें: Coronavirus: हरिद्वार के मेला अस्पताल में जल्द तैयार होगी संयुक्त प्रयोगशाला

इसके अलावा डब्ल्यूएचओ की टीम ने बौन गांव में इंजीनियरिंग भवन का भी निरीक्षण किया। भले ही डब्ल्यूएचओ के अधिकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को खास दिशा निर्देश देते रहे। साथ ही मीडिया के सामने कुछ भी बयान देने से बचते रहे।

यह भी पढ़ें: Coronavirus: हरिद्वार जिले में दो और कोरोना मरीज किए डिस्चार्ज


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.