अगर आप प्रकृति के अद्भुत नैसर्गिक सुंदरता देखने के शौकीन हैं तो चले आइए यहां
उत्तरकाशी में प्रकृति के अद्भुत नैसर्गिक सुंदरता बिखरी पड़ी है। यहां बुग्याल, ब्रह्मकमल, गगनचुंबी बर्फीली चोटियां मन को मोह लेती हैं।
उत्तरकाशी, [मनोज राणा]: अगर आप बुग्याल, ब्रह्मकमल, गगनचुंबी बर्फीली चोटियां, और नीला आकाश समेत प्रकृति के अद्भुत नैसर्गिक सुंदरता देखने के शौकीन हैं तो अवाना बुग्याल चले आइए। यहां आपको यह सभी चींजे बहुत ही नजदीक से देखने को मिलेंगी। प्रकृति ने यहां नेमतें बिखेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। लेकिन इसे विडंबना कहें या सरकार की उदासीनता उत्तरकाशी का यह खूबसूरत बुग्याल पर्यटन के मानचित्र से गायब है।
जिला मुख्यालय से करीब 60 किमी. दूर गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के भटवाड़ी ब्लॉक में ग्राम पंचायत झाला का मुख्य बाजार पड़ता है। यहां से करीब 12 किमी. की पैदल दूरी तय कर पर्यटक लगभग 15 हजार मीटर की ऊंचाई पर अवाना बुग्याल पहुंचते हैं। सर्दियों में बर्फवारी होने से यह ट्रेक बंद रहता है। उस दौरान केवल गुर्जर ही यहां अपने मवेशियों को चुगाने के लिए यहां पहुंचते हैं।
अप्रैल महीने में स्केटिंग के शौकीन पर्यटक यहां जमकर लुत्फ उठाते हैं। ऊंची पहाडियां, बुग्याल और नाना प्रकार की जड़ी बूटियां भी यहां पर्यटकों के लिए आर्कषण का केंद्र हैं।
स्थानीय नागरिक उदय रौतेला, पदम रौतेला, अनवीर रौतेला, राजेश, गोविंद रौतेला ने बताया कि भारत-चीन सीमा के नजदीक ही झाला क्षेत्र में अवाना बुग्याल है। यह बुग्याल भी दयारा बुग्याल जैसा बहुत ही खूबसूरत है। उन्होंने कहा जिन पर्यटकों को स्थानीय लोगों या ट्रेकरों के माध्यम से अवाना बुग्याल की जानकारी मिलती है वह यहां के नैसर्गिक सुंदरता का दीदार करने के लिए जरूर पहुंचते हैं। कहा कि पर्यटन मानचित्र पर इसे स्थान मिल जाए तो इससे पुराली, जसपुर, झाला और सूक्की समेत कई गांवों को रोजगार उपलब्ध होगा।
जिला पर्यटन अधिकारी पीएस खत्री का कहना है कि विभागीय कर्मचारियों की ओर से अवाना बुग्याल का निरीक्षण किया जाएगा। यदि यह स्थल पर्यटन मानचित्र में दर्ज होने के मानकों पर उतरेगा तो इसे पर्यटन मानचित्र पर दर्ज कराने के लिए कार्यवाही की जाएगी।
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