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कीचड़ व फिसलन भरे मार्ग पर जोखिम भरी है यात्रा

यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाला पैदल मार्ग कई स्थानों पर फिसलन भरा बना हुआ है जिसमें यात्री फिसलकर चोटिल हो रहे हैं। फिसलन की चपेट में आने से एक यात्री की मौत भी हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार तीन मई से अभी तक 22 यात्री चोटिल हुए हैं। इनमें पांच की स्थिति काफी गंभीर थी जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़कोट व देहरादून रेफर किया गया। यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाला साढ़े पांच किलोमीटर लंबा पैदल मार्ग कठिन होने के साथ जोखिम भरा भी है। जानकी चट्टी से यमुनोत्री धाम तक एक ही मार्ग है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 May 2022 11:23 PM (IST)Updated: Sun, 15 May 2022 11:23 PM (IST)
कीचड़ व फिसलन भरे मार्ग पर जोखिम भरी है यात्रा
कीचड़ व फिसलन भरे मार्ग पर जोखिम भरी है यात्रा

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाला पैदल मार्ग कई स्थानों पर फिसलन भरा बना हुआ है, जिसमें यात्री फिसलकर चोटिल हो रहे हैं। फिसलन की चपेट में आने से एक यात्री की मौत भी हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार तीन मई से अभी तक 22 यात्री चोटिल हुए हैं। इनमें पांच की स्थिति काफी गंभीर थी, जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़कोट व देहरादून रेफर किया गया।

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यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाला साढ़े पांच किलोमीटर लंबा पैदल मार्ग कठिन होने के साथ जोखिम भरा भी है। जानकी चट्टी से यमुनोत्री धाम तक एक ही मार्ग है। जिस पर पैदल डंडी-कंडी, घोड़ा खच्चरों की आवाजाही होती है, जिससे इस मार्ग के कई स्थानों पर जाम की स्थिति भी बनती है। इसमें यात्रियों को आए दिन परेशान होना पड़ रहा है, लेकिन उससे अधिक परेशानी इस मार्ग पर फिसलन ने बढ़ाई हुई है। मार्ग पर बारिश व जल स्रोतों से आने वाले पानी की निकासी सही न होने के कारण मार्ग पर फिसलन हो रही है। 11 मई की शाम को यमुनोत्री से लौटते हुए गिरकर बिहार के एक यात्री की मौत हुई। वहीं दूसरी ओर फिसलकर चोटिल होने की घटना हर दिन हो रही है। जानकी चट्टी स्वास्थ्य विभाग के अस्पताल की रिपोर्ट के अनुसार तीन मई से अभी तक 22 तीर्थ यात्री चोटिल हुए हैं। जिन्हें जानकीचट्टी में उपचार दिया गया। इसके अलावा घोड़ा-खच्चर भी कई बार फिसलकर चोटिल हो चुके हैं। इनमें बैठे सवारियों की जान बाल-बाल बची है। यमुनोत्री क्षेत्र में हर दिन बारिश हो रही है, जिसके कारण पैदल मार्ग पर फिसलन बढ़ रही है। जिला पंचायत की ओर से निरंतर सफाई की व्यवस्था की जा रही है। इससे पैदल मार्ग पर आवाजाही सुरक्षित बन सके।

-शालिनी नेगी, उपजिलाधिकारी एवं अध्यक्ष यमुनोत्री मंदिर समिति फोटो..

यात्रा मार्ग पर जाम से नहीं मिल रही मुक्ति

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम की समस्या से मुक्ति नहीं मिल पा रही है। यहां हर रोज यात्रियों को जाम के झाम से परेशान होना पड़ रहा है। शनिवार की रात और रविवार को सुक्की टाप, गंगनानी-डबराणी, हर्षिल और झाला के बीच लंबा जाम लगा। करीब चार घंटे तक तीर्थ यात्री इन जाम जोन में फंसे रहे।

शनिवार की शाम को पहले सुक्की और हर्षिल के बीच जाम लगा। जिसके बाद भटवाडी चढ़ेती से लेकर लाटा तक देर रात तक जाम लगा रहा है। रविवार को भी यही हाल रहे। इसी तरह की स्थिति यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्याना चट्टी से लेकर जानकी चट्टी के बीच की रही। हर्षिल निवासी माधवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि पांच मीटर चौड़ी सड़क पर भारी वाहनों को अनुमति दी जा रही है। दोनों ओर से जब बड़ी बसें आ जा रही हैं तो बसों के पास होने के लिए स्थान नहीं है। उत्तरकाशी, मनेरी ओर हर्षिल पुलिस का आपास में समन्वय भी नहीं दिख रहा है। जिसके कारण गंगोत्री हाईवे जाम जोन में तब्दील हो गया है।


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