इनके हिस्से की पढ़ाई को है एसओपी का इंतजार, अभिभावक सहमति पत्र देने को भी तैयार
दसवीं और बारहवीं की कक्षाओं के संचालन को एक पखवाड़े से अधिक का समय हो गया है लेकिन खेल छात्रावासों में पंजीकृत दसवीं और बारहवीं के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई अभी तक शुरू नहीं हुई है। खेल विभाग की ओर से इन्हें को छात्रावास में रहने की अनुमति नहीं मिली।
उत्तरकाशी, शैलेंद्र गोदियाल। दसवीं और बारहवीं की कक्षाओं के संचालन को एक पखवाड़े से अधिक का समय हो गया है, लेकिन खेल छात्रावासों में पंजीकृत दसवीं और बारहवीं के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई अभी तक शुरू नहीं हुई है। खेल विभाग की ओर से इन छात्र-छात्राओं को छात्रावास में रहने की अनुमति नहीं मिली है। खेल विभाग के निदेशक बृजेश संत कहते हैं कि जब छात्रावास से संबंधित एसओपी जारी होगी। तभी वे दसवीं और बारहवीं के छात्रावासों में पंजीकृत छात्र-छात्राओं के बारे में कुछ कह पाएंगे।
बीते दो नवंबर से दसवीं और बारहवीं के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल खुल गए हैं। स्कूलों में पढ़ाई भी शुरू हो चुकी है, लेकिन खेल विभाग छात्रावासों में पंजीकृत छात्र-छात्राओं की खेल गतिविधि के साथ पढ़ाई भी पूरी तरह से प्रभावित है। दसवीं और बारहवीं के छात्र-छात्राओं को छात्रावास में ठहरने की अनुमति नहीं मिली है, जिसके कारण ये छात्र-छात्राएं अपने घरों से छात्रावास में नहीं आ पा रहे हैं, जबकि इन छात्र-छात्राओं के अभिभावक सहमति पत्र देने को भी तैयार हैं। पर इन छात्र-छात्राओं के भविष्य को लेकर खेल विभाग और शिक्षा विभाग सोचने को तैयार नहीं है। खेलों में रुचि रखने वाले ये छात्र-छात्राएं अलग-अलग जनपदों के सीमांत गांवों के हैं, जहां ऑनलाइन शिक्षा भी संभवन नहीं है। ये अधिकांश आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन शासन के दोहरे मापदंडों के कारण ये छात्र-छात्राएं खेल से तो वंचित हो ही रहे हैं साथ ही पढ़ाई से भी वंचित हो रहे हैं।
हर जनपद में हैं छात्रावास
उत्तरकाशी में उत्तराखंड बालिका फुटबॉल छात्रावास है। इस तरह से टिहरी में बालक क्रिकेट, रुद्रप्रयाग में बालिका एथलेटिक्स, चमोली में बालक वॉलीबॉल, पौड़ी में बालक बैडमिंटन, कोटद्वार में बालक बॉक्सिंग, हरिद्वार में बालिका हॉकी और देहरादून में बालक फुटबॉल का छात्रावास है। कुमाऊं के जिलों में भी इसी तरह से अलग-अलग खेलों के छात्रावास हैं। इन छात्रावासों में वे बच्चे हैं, जो कक्षा छह कक्षा बारह में पढ़ते हैं। पर लॉकडाउन के बाद से छात्रावास पूरी तरह से बंद हैं। दसवीं और बारहवीं के छात्रों के लिए स्कूल खुलने के बाद भी छात्रावासों में पंजीकृत दसवीं-बारहवीं के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई शुरू नहीं हुई है।
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