बर्फ के आगोश में गंगा घाटी भागीरथी की ऊपरी सतह जमी
जागरण संवाददाता उत्तरकाशी गंगा घाटी में ठंड का कहर अपने चरम पर है। यहां हर दिन
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : गंगा घाटी में ठंड का कहर अपने चरम पर है। यहां हर दिन तापमान गिरता जा रहा है। हाल ये है कि भीषण ठंड के कारण गोमुख से लेकर हर्षिल तक करीब 35 किलोमीटर क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में गंगा (भागीरथी) की ऊपरी सतह जम चुकी है। गंगोत्री धाम के निकट गंगा किनारे बर्फ की सतह तोड़कर वहां शीतकाल में तैनात कर्मी और साधु संत पानी भर रहे हैं। इसके साथ ही झाला से लेकर गंगोत्री तक कई झरने और नाले जम (फ्रिज) चुके हैं। इस क्षेत्र में अधिकतम तापमान भी माइनस डिग्री में है।
ठंड के कहर से सबसे अधिक 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाके हैं। जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर गंगोत्री की ओर सुक्की टाप गांव से लेकर गंगोत्री तक अपनी सुंदरता बिखेरने वाले 50 से अधिक झरने, नाले जम चुके हैं। हर्षिल घाटी के आठ गांवों के अलावा गंगोत्री में नलों के अंदर ही पानी जम चुका है। शीत लहर के कारण हर्षिल घाटी और गंगोत्री में पेयजल संकट गहरा गया है। हर्षिल के प्रधान दिनेश रावत ने कहा कि घरों में बर्तनों में रखा पानी भी सुबह तक बर्फ में तब्दील हो रहा है। जिससे फिर गर्म करके स्थानीयजन पानी का इंतजाम कर रहे हैं। फिर दोपहर तक धूप लगने के बाद पाइपों के अंदर जमी बर्फ फिघल रही है। जिसके बाद कुछ हिस्सों में पानी की आपूर्ति हो हो पा रही है। शीत लहर के कहर से बर्फ बने नाले और झरने पर्यटकों को रोमांचित कर रहे हैं। लेकिन, स्थानीय ग्रामीणों के लिए बर्फ और शीतलहर मुसीबत भरी हो रही है।
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29 दिसंबर का तापमान
स्थान अधिकतम न्यूनतम
उत्तरकाशी 12, 4
गंगोत्री माइनस 2, माइनस 12
हर्षिल 2, माइनस 8
यमुनोत्री माइनस 2, माइनस 13
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