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बल्लियों के सहारे चल रहा स्कूल, खतरे में है बच्चों की जान

उत्तरकाशी जिले के नौगांव स्थित राजकीय जूनियर हाईस्कूल बिंगसी बल्लियों के सहारे चल रहा है। जिससे कभी भी बच्चों पर कोर्इ बड़ा खतरा आ सकता है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 19 May 2018 04:55 PM (IST)Updated: Sun, 20 May 2018 05:20 PM (IST)
बल्लियों के सहारे चल रहा स्कूल, खतरे में है बच्चों की जान
बल्लियों के सहारे चल रहा स्कूल, खतरे में है बच्चों की जान

नौगांव, [तिलकचंद रमोला]: शिक्षा महकमे के अफसरों की लापरवाही देश के भविष्य (बच्चों) के जीवन पर भारी पड़ सकती है। जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से से 105 किलोमीटर दूर नौगांव ब्लॉक का राजकीय जूनियर हाईस्कूल बिंगसी बल्लियों के सहारे चल रहा है, लेकिन जिम्मेदार अफसर इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। 

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नौगांव ब्लॉक के बिंगसी गांव में वर्ष 2001 में राजकीय जूनियर हाईस्कूल खोला गया था। वर्ष 2013 की आपदा में इस विद्यालय का भवन क्षतिग्रस्त हो गया था। 2015 तक किसी तरह से बालक-बालिकाओं ने क्षतिग्रस्त विद्यालय में ही शिक्षा ग्रहण की, लेकिन अगस्त 2015 में यह विद्यालय पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। इसके बाद अध्ययनरत बालक-बालिकाओं को गांव में ही एक पुराने खंडहर पड़े प्राथमिक स्कूल के भवन में शिफ्ट किया गया। शिक्षकों और ग्रामीणों ने खंडहर पड़े प्राथमिक स्कूल की छत को टिकाने के लिए बल्लियां लगाई है। 

सात मई की रात को बारिश के कारण एक बल्ली टूटकर गई थी। एक बार फिर शिक्षकों व ग्रामीणों ने छत को टिकाने के लिए दूसरी बल्ली लगाई, लेकिन बल्लियों के सहारे पर टिकी स्कूल छत के गिरने की आशंका लगातार बनी हुई है। वर्तमान समय में इस विद्यालय में 41 बालक-बालिकाएं अध्ययनरत हैं। विद्यालय की सहायक अध्यापिका निर्मला वर्मा व पारू देवी ने बताया कि विद्यालय की इस समस्याओं के बारे में कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। विद्यालय की भवन के अधिकांश जगह पर छत उड़ रखी है। भवन की छत को सहारा देने वाली बाल्लियां भी सड़ गई है। 

ग्राम प्रधान अमर लाल ने बताया कि आपदा के तहत लोनिवि के माध्यम से उक्त विद्यालय का लगभग 17 लाख का प्रांकलन तैयार कर संबधित विभाग को दिया था, जोकि धन अभाव के कारण लंबित है। क्षतिग्रस्त विद्यालय में बच्चे और शिक्षकों की जान खतरे में है। सहायक खंड शिक्षा अधिकारी अमित चौहान ने बताया कि इस संबध में वर्ष 2017 कार्य योजना में इसे रखा गया था। धन अभाव के कारण विद्यालय की मरम्मत नहीं हो सकी। इस बार पुन: वार्षिक कार्य योजना में रखा गया है। धन मिलने पर विद्यालय की मरम्मत कराई जाएगी। 

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