छह करोड़ 10 लाख की सड़क दो साल में ही उखड़ी
चकराता ब्लॉॅॅक के अंतर्गत ग्राम पंचायत कोटा तपलाड़ में डामटा-कोटा-म्यूडा मोटर मार्ग की हालत खस्ता बनी हुई है। इससे ग्रामीणों को आवाजाही करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों की कई गुहार के बाद संबंधित विभाग ध्यान देने को तैयार नहीं है।
संवाद सूत्र, बर्नीगाड : चकराता ब्लॉॅॅक के अंतर्गत ग्राम पंचायत कोटा तपलाड़ में डामटा-कोटा-म्यूडा मोटर मार्ग की हालत खस्ता बनी हुई है। इससे ग्रामीणों को आवाजाही करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों की कई गुहार के बाद संबंधित विभाग ध्यान देने को तैयार नहीं है।
वर्ष 2015-16 में करीब 6 करोड़ 10 लाख की लागत से पीएमजीएसवाई कालसी ने 22 किलोमीटर सड़क का डामरीकरण किया था। डामरीकरण के एक माह बाद ही सड़क जगह-जगह से उखड़नी शुरू हो गई थी। सड़क निर्माण के दौरान ही कोटा, खबऊ, सिलामु, सरना, कुन्ना, म्यूडा, जस्टा, दाबला आदि गांव के ग्रामीणों ने घटिया सामग्री का उपयोग करने पर ठेकेदार व कार्यदायी संस्था के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर आक्रोश जताया था। लेकिन तब भी विभाग ने उनकी एक नहीं सुनी। सड़क पर जगह-जगह गड्ढे व पत्थरों के ढेर लगे हुए हैं। सड़क पर स्कबर भी टूटे हैं, जो दुर्घटना को न्योता दे दे रहे हैं।
स्थानीय ग्रामीण अजयपाल तोमर, रणवीर, आदेश, मोहन सिंह, सुल्तान, अनपाल, जयवीर, दिनेश, बारू, प्रताप, श्याम सिंह चौहान, श्यामूदास, दर्शनदास, मदनदास जवाहर वर्मा ने बताया कि सड़क मार्ग पर दोपहिया और चारपहिया वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं है। पैदल यात्रियों का भी सड़क पर चलना खतरे से खाली नहीं है। कहा करीब 17 गांवों के ग्रामीण इसी रोड से विकासनगर-देहरादून के लिए रातदिन आवागमन करते हैं। बदहाल सड़क पर लोग जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर हैं। इस बारे में कई बार संबंधित विभाग को अवगत कराया जा चुका है। बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है। वहीं मामले में पीएमजीएसवाई के सहायक अभियंता नरेंद्र रावत का कहना है कि पांच वर्ष तक ठेकेदार के साथ अनुबंध होता है। ठेकेदार को चार बार विभाग द्वारा नोटिस जारी किया गया है, 15 दिन के अंदर सड़क का डामरीकरण किया जाएगा।