Move to Jagran APP

्रभूमि चयन के साथ पुनर्वास धनराशि जारी

आखिरकार भटवाड़ी के 49 परिवारों के पुनर्वास का इंतजार खत्म हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 09:40 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 06:16 AM (IST)
्रभूमि चयन के साथ पुनर्वास धनराशि जारी
्रभूमि चयन के साथ पुनर्वास धनराशि जारी

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : आखिरकार भटवाड़ी के 49 परिवारों के पुनर्वास का इंतजार खत्म हो गया। भले पुनर्वास की इस कार्यवाही को पूरा होने में 10 वर्ष का लंबा समय लगा हो, लेकिन प्रभावित परिवारों के लिए यह बेहद ही खुशी का क्षण है। पुनर्वास के लिए भूमि चयन के साथ भवन निर्माण आदि के लिए 2.30 करोड़ पुनर्वास धनराशि भी शासन जारी कर दी है। आपदा पुनर्वास नीति-2011 के तहत जनपद उत्तरकाशी में विस्थापित होने वाला भटवाड़ी पहला गांव होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी पुनर्वास की कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए हैं।

loksabha election banner

अगस्त 2010 में तहसील मुख्यालय भटवाड़ी व निकट का कस्बा भूधंसाव से तबाह हुए। यहां सौ से अधिक दुकान, मकान और तहसील भवन के साथ गंगोत्री हाईवे का बड़ा हिस्सा जमींदोज हो गया था। प्रभावित परिवारों ने गांव के पास जल विद्युत निगम की कॉलोनी में शरण ली। भू वैज्ञानिकों से प्रारंभिक और डिटेल सर्वे के बाद प्रशासन ने भटवाड़ी के 51 परिवारों के पुनर्वास की संस्तुति कर शासन को रिपोर्ट प्रेषित की। इसी बीच एक परिवार के अकेले सदस्य मौत हो गई। जबकि एक परिवार ने अन्यत्र मकान बनाया। इस लिए अब 49 परिवारों का पुनर्वास होना है। पुनर्वास के लिए भटवाड़ी बीआरओ के कैंप के निकट यूजेवीएनएल की 2.4 हेक्टेयर भूमि चयनित हो चुकी है। सके लिए यूजेवीएनएल और शासन से हरी झंडी मिल गई। इसमें एक परिवार को 250 वर्ग मीटर भूमि मिलनी है। इसके साथ ही प्रत्येक प्रभावित परिवार को 4 लाख रुपये भवन निर्माण, 10 हजार रुपये घरेलू सामान की खरीद व 15 हजार रुपये गोशाला निर्माण के लिए मिलेगा। शासन ने इसके लिए 2.30 करोड़ की धनराशि जारी कर दी है। गंगोत्री विधानसभा के विधायक गोपाल रावत ने बताया कि आपदा पुनर्वास नीति 2011 संशोधित 2017 के तहत प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजा देने की मांग की गई। जिसमें बाद शासन ने जिला प्रशासन इस संबंध में पत्रावली मांगी। इसके लिए दो दिन पहले शासन ने 2.30 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही प्रभावितों के विस्थापन के लिए भूमि का चयन भी हो चुका है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.