सुबह भाजपा में शामिल, दोपहर में मिला टिकट
पुरोला सीट पर कांग्रेस के प्रबल दावेदार माने जा रहे दुर्गेश्वर लाल ने गुरुवार सुबह भाजपा में शामिल होकर सबको चौंका दिया। लेकिन इससे भी अधिक चौंकाने वाली खबर गुरुवार दोपहर को दिल्ली में आयोजित भाजपा की प्रेस वार्ता से आई।
ऐसे मारी बाजी: पुरोला सीट पर कांग्रेस के प्रबल दावेदार माने जा रहे दुर्गेश्वर लाल ने गुरुवार सुबह भाजपा में शामिल होकर सबको चौंका दिया। लेकिन, इससे भी अधिक चौंकाने वाली खबर गुरुवार दोपहर को दिल्ली में आयोजित भाजपा की प्रेस वार्ता से आई। यहां भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने दुर्गेश्वर लाल के टिकट पर अपनी मुहर लगा दी। दुर्गेश्वर लाल के प्रत्याशी बनने में भाजपा की ओर से कराए गए दो बार के सर्वे की अहम भूमिका रही। साथ ही दुर्गेश्वर लाल की पैरवी करने में भाजपा जिला संगठन की भी महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है। राज्य बनने के बाद पिछले तीन विधानसभा चुनाव में पुरोला विधानसभा चुनाव में 2002 और 2012 में भाजपा के प्रत्याशी मालचंद ने चुनाव जीता है। 2017 में कांग्रेस विधायक राजकुमार कुछ समय पहले भाजपा में शामिल हुए। इस कारण माना जा रहा था कि पुरोला से राजकुमार को टिकट मिलेगा। भले ही राजकुमार देहरादून की एक सीट से टिकट मांग रहे थे। जबकि, पूर्व विधायक मालचंद ने कांग्रेस का दामन थामा तो पहले से कांग्रेस में शामिल दुर्गेश्वर लाल के लिए कांग्रेस से टिकट मिलने की स्थितियां असहज हुई। कांग्रेस में पूर्व सीएम हरीश रावत उनके टिकट की पैरवी भी कर रहे थे। लेकिन, दुर्गेश्वर लाल की भाजपा के नेताओं से इसी बीच मुलाकात हुई। बताया जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और जिला अध्यक्ष रमेश चौहान ने दुर्गेश्वर लाल को प्रत्याशी बनाने की पैरवी की। बता दें कि मोरी एकता मंच के बैनर तले दुर्गेश्वर लाल ने 2017 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था, जिसमें वो तीसरे स्थान पर रहे थे।