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23 लाख के मॉडल टॉयलेट का प्रयोग करेंगे तीर्थयात्री

संवाद सूत्र बड़कोट नगर पालिका बड़कोट में बने उत्तर भारत के पहले स्मार्ट सार्वजनिक शौचाल

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 06:30 AM (IST)
23 लाख के मॉडल टॉयलेट का प्रयोग करेंगे तीर्थयात्री

संवाद सूत्र, बड़कोट : नगर पालिका बड़कोट में बने उत्तर भारत के पहले स्मार्ट सार्वजनिक शौचालय (इंटेलिजेंट पब्लिक टॉयलेट) का तीर्थ यात्री लाभ उठाएंगे। यमुनोत्री हाईवे के निकट बनाए गए इस स्मार्ट शौचालय में स्वयं का सफाई तंत्र है। इसका निर्माण करने वाली टाटा नेस्ट कंपनी ने इसका निर्माण 20 दिन में किया है। नगर पालिका बड़कोट जल्द ही इस स्मार्ट सार्वजनिक शौचालय का यात्रा काल में शुभारंभ करेगी।

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नगरपालिका बड़कोट अध्यक्ष अनुपमा रावत ने बताया कि इंटेलिजेंट पब्लिक शौचालय निर्माण का निर्माण टाटा नेस्ट कंपनी ने किया। टाटा नेस्ट कंपनी ने केरल से शौचालय निर्माण करने के लिए एक टीम भेजी थी। 20 दिनों के अंतराल में टीम ने यमुनोत्री हाईवे पर बड़कोट दोबाटा के पास पुरुष व महिला के लिए अलग-अलग दो शौचालय तैयार किया। बड़कोट में जिस स्थान पर यह शौचालय बनाया गया है वहां यात्रा सीजन में यात्रियों का पंजीकरण होता है। इस लिए यात्रियों की काफी भीड़ रहती है। यह शौचालय चारधाम यात्रा के लिए बेहद ही उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि शौचालय का निर्माण बीते अक्टूबर महीने में हो चुका था, आस पास भूस्खलन होने के कारण पालिका द्वारा छह लाख रुपये की लागत से सुरक्षा दीवार बनाई जा रही है। नेस्ट कंपनी जल्द ही इस शौचालय को पालिका को हैंडओवर करेगी। साथ ही कंपनी के अधिकारी पालिका के कर्मचारियों को इसके इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षण देंगे। यात्रा सीजन शुरू होते ही तीर्थयात्रियों के लिए यह शौचालय खोल दिया जाएगा।

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पांच रुपये नगद या क्रेडिट कार्ड से भी होगा भुगतान

शौचालय उपयोग करने के लिए यात्रियों को पांच रुपये का भुगतान करना होगा। यह भुगतान शौचालय के बाहर एक बॉक्स में डालना होगा या फिर शौचालय के बाहर ही लगाई गई स्वैप मशीन पर एटीएम कार्ड के जरिये भुगतान करना होगा। जिसके बाद शौचालय के दरवाजे स्वत: खुलेंगे। अंदर से मैन्युअल लॉक होने के कारण शौचालय में किसी व्यक्ति के फंसने का डर नहीं है। शौचालय का उपयोग करने के बाद शौचालय में फ्लश और सफाई का संचालन स्वत: ही हो जाएगा। जिससे शौचालय हमेशा स्वच्छ व साफ रहेगा। इस शौचालय के अपने अनूठे स्वयं सफाई तंत्र बेहतर डिजाइन, शानदार अंदरूनी, उच्च स्तर की स्वच्छता और कम परिचालन लागत है।

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दक्षिण भारत में पहले से हो रहा इस शौचालय का प्रयोग

अभी तक इस तरह का शौचालय का निर्माण दक्षिण भारत के कई शहरों, राजमार्ग, मॉल, हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, सामान्य अस्पताल, स्टेडियम में हो चुका है। उत्तर भारत में अभी तक इंटेलिजेंट पब्लिक टॉयलेट का निर्माण केवल नगर पालिका बड़कोट में ही हुआ है। इसको बनाने में 17 लाख रुपये का खर्चा आया है।


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