हर्षिल घाटी में तीर्थाटन और पर्यटन की गतिविधि रहेगी बंद
हर्षिल घाटी के आठ गांवों के ग्रामीणों और घाटी के होटल व्यवसायियों ने कोरोना संक्रमण के बीच यात्रा और पर्यटन गतिविधि संचालन का पुरजोर विरोध किया है।
उत्तरकाशी, जेएनएन। हर्षिल घाटी के आठ गांवों के ग्रामीणों और घाटी के होटल व्यवसायियों ने कोरोना संक्रमण के बीच यात्रा और पर्यटन गतिविधि संचालन का पुरजोर विरोध किया है। होटल संचालकों ने एलान किया है कि वे किसी भी यात्री और पर्यटक को अपने होटल व होम स्टे में नहीं ठहराएंगे। इस बाबत जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान तथा पुलिस को भी पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने कहा कि जब तक कोरोना संक्रमण पर प्रभावी रोकथाम नहीं लग जाती और इसके इलाज की दवा नहीं बन जाती है तब तक तीर्थाटन, पर्यटन की गतिविधि बंद रखी जाए।
हर्षिल के प्रधान दिनेश रावत ने कहा कि हर्षिल घाटी में सुक्की से लेकर गंगोत्री तक 150 के करीब होटल और होम स्टे हैं। ये सभी होटल स्थानीय ग्रामीणों के ही हैं। ग्रामीणों की मांग पर सोमवार को हर्षिल घाटी के जनप्रतिनिधियों और होटल व्यवसायियों ने हर्षिल में बैठक की।
बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि जब तक कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कोई वैक्सीन नहीं आ जाती है तथा कोरोना संक्रमण पर प्रभावी ढंग से रोक नहीं लग जाती है। होटल व्यवसायी एवं धराली व्यापार मंडल अध्यक्ष सुशील पंवार ने कहा कि कोरोना संक्रमण अपने चरम पर है। ऐसे में सरकार का निर्णय बिल्कुल गलत है। इसलिए सुक्की से लेकर गंगोत्री तक सभी होटल व रेस्टोरेंट व्यवसायियों ने निर्णय लिया है कि वे हर्षिल घाटी में यात्रा तथा पर्यटन गतिविधि संचालित नहीं होने देंगे।
यात्रा व पर्यटन गतिविधि से संबंधित किसी भी व्यक्ति को सुक्की गांव के पहले ही रोका जाएगा। हर्षिल के होटल व्यवसायी माधवेंद्र रावत ने कहा कि हर्षिल घाटी के आठ गांवों के प्रधानों के अलावा गंगोत्री मंदिर समिति और गंगोत्री व्यापार मंडल ने भी इस निर्णय का समर्थन किया है।
यह भी पढ़ें: अन्य राज्यों से प्रतिदिन कार्य को उत्तराखंड आ-जा सकेंगे कार्मिक और श्रमिक
इस संबंध में जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजा गया है। हर्षिल पुलिस को भी इस संबंध में लिखित रूप में अवगत करा दिया गया है। यह निर्णय लेने वालों में सुक्की प्रधान रेखा देवी, झाला प्रधान सुरजा देवी, जसपुर प्रधान हरीश, पुराली प्रधान बीना देवी, बगोरी प्रधान सरिता रावत, धराली प्रधान प्रभा देवी आदि थे।
यह भी पढ़ें: Unlock-1.0 : उत्तराखंड में अन्य राज्यों से बिना पास आवाजाही को मिली अनुमति