कोरोना जांच से बचना, जान के साथ खिलवाड़
सीमांत जिला उत्तरकाशी में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता से ही बचा जा सकता है।
जागरण संवाददाता उत्तरकाशी: सीमांत जिला उत्तरकाशी में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता के बावजूद आमजन जागरूक होने को तैयार नहीं हैं। जांच से बचने के लिए आमजन अपनी जान खतरे में डाल रहे हैं। उत्तरकाशी जिले में अप्रैल में हुई पांच व्यक्तियों की मौत तो यही तस्दीक कर रही है। इनमें एक युवक तो अस्पताल ही नहीं आया, जबकि अन्य चार व्यक्ति भी अंतिम समय पर अस्पताल पहुंचे और चंद घंटों में ही दम तोड़ दिया। आमजन की यह लापरवाही चिकित्सकों और प्रशासन के लिए भी चुनौती बन रही है। साथ ही जिले में मृतकों की संख्या भी बढ़ा रही है।
उत्तरकाशी जिला अस्पताल में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसडी सकलानी ने बताया कि 99 फीसद कोरोना संक्रमित चिकित्सकों की देखरेख में कोविड केयर सेंटर और होम आइसोलेसन में ठीक हो रहे हैं। केवल एक फीसद कोरोना संक्रमितों को ऑक्सीजन व वेंटीलेटर की जरूरत पड़ रही है। लेकिन, स्थिति तब गंभीर हो रही है जब आमजन लापरवाही कर रहे हैं। क्वारंटाइन होने डर से कोरोना लक्षणों के बावजूद जांच नहीं करा रहे हैं। ऐसे समय पर अस्पताल में आ रहे हैं जब उनकी स्थिति बेहद की गंभीर हो रही है। स्वजन से पूछताछ में यह भी पता चला है कि ये संक्रमित स्थानीय क्लीनिक और मेडिकल स्टोर से बुखार आदि की दवा ले रहे थे। ऐसे कई कोरोना संक्रमित जिला अस्पताल में आ चुके हैं, जो अंतिम समय पर आ रहे हैं वही दम तोड़ रहे हैं। डॉ. एसडी सकलानी कहते हैं कि आमजन में यह सबसे गलत धारणा है कि जांच से बचना है, जबकि जांच कराने पर किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है और कोरोना के कोई लक्षण प्रदर्शित नहीं होते हैं तो उसे होम आइसोलेशन में रहना होगा। ------------
शादी आयोजकों से अपील
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसडी सकलानी ने शादी समारोह के आयोजकों से अपील की है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की गंभीरता समझें। शादी बिल्कुल सूक्ष्म रूप में करें। डॉ. एसडी सकलानी ने कहा कि जिस तरह से शादियों में भीड़ जुट रही है और कोविड नियमों का पालन नहीं हो रहा है, उससे इस बात की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता कि खुशी का माहौल कब गमगीन माहौल में बदल जाए।
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अस्पताल में है पर्याप्त सुविधा
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसडी सकलानी ने कहा कि जिला अस्पताल उत्तरकाशी के पास पर्याप्त सुविधा है। 36 आइसीयू और ऑक्सीजन बेडों में से 28 खाली हैं। जबकि, सामान्य नौ बेड भी खाली हैं। जिले में बनाए गए कोविड सेंटरों में 65 बेड खाली हैं। इसके अलावा उत्तरकाशी जीएमवीएन के बंगले को कोविड अस्पताल बनाया जा रहा है। जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की भी पर्याप्त सुविधा है।