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पालिका के पास नहीं रैन बसेरा, कैसे कटेंगी सर्द रातें

संवाद सहयोगी उत्तरकाशी सीमांतवर्ती जिले में इन दिनों ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। उच्च हिमा

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 04:25 PM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 04:25 PM (IST)
पालिका के पास नहीं रैन बसेरा, कैसे कटेंगी सर्द रातें
पालिका के पास नहीं रैन बसेरा, कैसे कटेंगी सर्द रातें

संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी: सीमांतवर्ती जिले में इन दिनों ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। उच्च हिमालय क्षेत्र में छायी बर्फ की हल्की चादरों के बीच ठंडी हवाओं के थपेड़े लोगों की दुश्वारियां बढ़ा रहे हैं। दिन में लोग गुनगुनी धूप का आंनद ले रहे हैं और सूर्यास्त होने के बाद अपने घरों के अंदर पैक हो रहे हैं। जैसे-जैसे रात ढलती है ठंड भी अपने चरम पर पहुंच रही है। और फिर यही ठंड खुले आसमान के नीचे सो रहे फक्कड़ बाबाओं और असहाय लोगों के लिए मुसीबत बन रही है। हैरान की बात है कि इन लोगों की दुश्वारियों को दूर करने के लिए नगरपालिका बाड़ाहाट उत्तरकाशी के पास एक भी रेन बसेरे नहीं हैं। यही नहीं इन लोगों के लिए गली, चौराहे और नुक्कड़ों में अलाव की भी कोई व्यवस्था नहीं है। पालिका क्षेत्र में रैन बसेरा नहीं होने से असहाय लोग इधर-उधर दुकानों की ओट में रात गुजारने को मजबूर हैं। बीते रात की बात करें तो उत्तरकाशी में मौसम का अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस था।

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नगरपालिका बाड़ाहाट अध्यक्ष रमेश सेमवाल ने बताया कि पालिका के पास अलाव के लिए कुल 25 से 30 हजार रुपये का बजट आता है। ठंड अभी शुरू हुई है। फरवरी महीने तक सीमांतवर्ती क्षेत्र में ठंड का कहर रहेगा। ऐसे में इन तीन महिनों तक अलाव की व्यवस्था करना मुमकिन नहीं है, लेकिन फिर भी पालिका द्वारा अलाव की समुचित व्यवस्था की जा रही है। पालिका के पास रैन बसेरा न होने से भी दिक्कतें हो रही हैं।


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