जिला सहकारी बैंक के लिए कर्ज वसूली बना चुनौती
सीमांत जनपद उत्तरकाशी में जिला सहकारी बैंक के लिए फंसे कर्ज (एनपीए) की वसूली सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : सीमांत जनपद उत्तरकाशी में जिला सहकारी बैंक के लिए फंसे कर्ज (एनपीए) की वसूली सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। बैंक के एनपीए 41.74 करोड़ है, जिसके सापेक्ष 7.66 करोड़ की वसूली बैंक ने कर दी है। लेकिन, अभी भी एनपीए की एक बड़ी धनराशि खड़ी है। बैंक के बड़े कर्जदारों में 81 फर्म व व्यक्ति शामिल हैं। इनमें हरिद्वार जनपद की दस शुगर मिलें भी शामिल हैं।
बुधवार को जिला सहकारी बैंक के कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष विक्रम सिंह रावत ने कहा कि एनपीए की वसूली के लिए बैंक की टीम घर-घर जा रही है। साथ ही नोटिस भी जारी किए गए हैं। किसी भी कर्जदार का उत्पीड़न न करते हुए कर्ज की वसूली का प्रयास किया जा रहा है। बीते वर्ष की तुलना में बैंक का एनपीए बढ़ा है। विक्रम सिंह रावत ने कहा कि कोरोनाकाल के दौरान बैंक की भूमिका कोरोना वारियर्स के रूप में रही है। घर-घर जाकर पेंशन वितरण, मोबाइल एटीएम के जरिये गांव-गांव तक धनराशि उपलब्ध कराने का कार्य किया गया है। अब पहाड़ से पलायन रोकने, रोजगार के नए साधन सृजन एवं किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से कार्य किया जा रहा है। सरकार की दीनदयाल कृषि किसान कल्याण योजनांतर्गत शून्य ब्याज दर पर किसानों को अल्पकालीन एवं मध्यकालीन ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। आगामी छह फरवरी को सभी ब्लॉक मुख्यालयों पर वृहद ऋण मेला आयोजित होगा, जिसके लिए दो फरवरी तक 780 लाभाथियों का चयन किया गया। इनके लिए 6.36 करोड़ के चेक तैयार कर दिए हैं। ऋण मेले में जनपद के 1500 लाभार्थियों को 10 करोड़ ऋण के चेकप्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। इस मौके जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक सुरेश सिंह नपलच्याल, भाजपा के जिलाध्यक्ष रमेश चौहान, जिला महामंत्री हरीश डंगवाल आदि शामिल थे।