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दशकों बीतने के बाद भी गांव तक नहीं पहुंची सड़क, 15 किमी दूरी पैदल नापने को मजबूर ग्रामीण

दशक बीत जाने के बाद भी आज तक पुरोला ब्लॉक के सरबडियार पट्टी के ग्रामीण सड़क सुविधा से वंचित हैं।

By Edited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 04:49 PM (IST)
दशकों बीतने के बाद भी गांव तक नहीं पहुंची सड़क, 15 किमी दूरी पैदल नापने को मजबूर ग्रामीण
दशकों बीतने के बाद भी गांव तक नहीं पहुंची सड़क, 15 किमी दूरी पैदल नापने को मजबूर ग्रामीण

उत्तरकाशी, जेएनएन। आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी आज तक पुरोला ब्लॉक के सरबडियार पट्टी के ग्रामीण सड़क सुविधा से वंचित हैं। सड़क सुविधा नहीं होने से इस पट्टी के करीब आठ गांवों के ग्रामीणों को 15 किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ती है। 

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जिला मुख्यालय से करीब 135 किमी दूर पुरोला ब्लॉक अंतर्गत सर बडियार पट्टी है। इस पट्टी में सर, डिंगाड़ी, कंसलौ, लेवटाडी, गोल, छानिका, किमडार और पौंटी गांव शामिल हैं। इन आठ गांवों की आबादी करीब चार हजार से अधिक है, लेकिन आज भी इन गांवों के ग्रामीण कई किमी पैदल दूरी तय कर अपने गांव तक पहुंचते हैं। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता कैलास रावत, सर गांव के प्रधान अंकित पंवार, जगवीर जायड़ा और प्रताप सिंह ने बताया कि यह सरबडियार पट्टी का दुर्भाग्य है जो आज तक सड़क सुविधा से महरूम है। 
इस पट्टी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गांव-गांव को सड़क से जोड़ने की योजना भी परवान नहीं चढ़ रही है। कहा वर्ष 2006 में लोक निर्माण विभाग बड़कोट ने गंगराली पुल से सर गांव तक करीब 9 किमी सड़क निर्माण के लिए सर्वे किया था, तब ग्रामीणों को उम्मीद जगी कि उनका गांव भी अब विकास की राह से जुडे़गा। अफसोस शासन-प्रशासन की लापरवाही के कारण ग्रामीणों की उम्मीदें धूमिल हो गई। 
नतीजतन सड़क का सर्वे आगे नहीं बढ़ा। कई विधानसभा और लोकसभा चुनाव हुए, प्रत्याशियों ने वोट बटोरने के चक्कर में गांव तक सड़क पहुंचाने की घोषणाएं भी की। ग्रामीण कई बार शासन-प्रशासन को लिखित और मौखिक रूप से अवगत करा चुके हैं। उसके बावजूद भी समस्या जस की तस है। मामले में पुरोला उपजिलाधिकारी सोबन सिंह का कहना है कि सरबडियार पट्टी में सड़क निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग से बातचीत की जाएगी। मामला कहां अधर में लटक रहा है, इस ओर उचित कार्रवाई कर समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा।

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