नौ किलोमीटर की चढ़ाई देख हांफा विकास
कुंवर सिंह तोमर बर्नीगाड़ (उत्तरकाशी) जन प्रतिनिधियों के दावों की मानें तो हर ओर विकास क
कुंवर सिंह तोमर, बर्नीगाड़ (उत्तरकाशी): जन प्रतिनिधियों के दावों की मानें तो हर ओर विकास की बयार है, लेकिन इसे विडंबना ही कहेंगे कि नौ किमी की खड़ी चढ़ाई देखते ही विकास हांफने लगता है। यह हाल-ए-बयां है नौगांव ब्लॉक के भौंती गांव का। लगभग 400 की आबादी वाले भौंती के ग्रामीणों को आज भी नौ किमी की खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। वर्ष 2008 में गांव के लिए सड़क की स्वीकृति तो मिली थी, लेकिन यह प्रस्ताव फाइलों में ही कैद होकर रह गया। इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।
जिला मुख्यालय से 128 किलोमीटर दूर स्थित भौंती गांव जाने के लिए पहले नौगांव ब्लॉक मुख्यालय पहुंचना पड़ता है। फिर नौगांव से विकासनगर हाईवे होते हुए बर्नीगाड़ पहुंचते हैं। बर्नीगाड़ से धारी-कफनौल संपर्क मार्ग होते हुए बिजौरी गांव पहुंचते हैं। फिर बिजौरी गांव से नौ किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पारकर भौंती गांव पहुंचते हैं। गांव के लिए सड़क न होने का असर बच्चों के भविष्य पर पड़ रहा है। गांव में आठवीं तक तो स्कूल है। लेकिन, नवीं की पढ़ाई के लिए बर्नीगाड़, नौगांव और बड़कोट के स्कूलों में जाना पड़ता है। बच्चों की पढ़ाई के लिए ग्रामीण किराये पर कमरे लेकर रहने को मजबूर हैं। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे आठवीं से आगे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा ग्रामीणों की सेहत और आर्थिकी बिगड़ रही है, सो अलग। भौंती निवासी कनिष्ठ उप प्रमुख दर्शनी नेगी बताती हैं, किसी व्यक्ति के बीमार पड़ने पर उसे नौ किमी डंडी-कंडी या पीठपर लाद कर सड़क तक लाने में हालत खराब हो जाती है। सबसे अधिक दिक्कत गर्भवती महिलाओं को होती है। तबीयत बिगड़ने या प्रसव पीड़ा होने पर कई बार रास्ते में ही डिलीवरी हो जाती है। भौंती गांव के प्रधान विजयपाल सिंह बताते हैं महंगे ढुलान के कारण किसान अपने उत्पाद बाजार में नहीं बेच पाते, जिसके चलते उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल पाता और इसका असर उनकी आर्थिकी पर भी पड़ता है।
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दो महीने पहले भौंती गांव को सड़क से जोड़ने के लिए डीपीआर शासन को भेज दी गई है। शासन से अभी तक वित्तीय स्वीकृति नहीं मिली है। स्वीकृति मिलते ही सड़क निर्माण किया जाएगा।
राजेंद्र पाल, सहायक अभियंता, लोनिवि बड़कोट
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वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से सड़क को स्वीकृति मिल चुकी है। लेकिन, प्रदेश सरकार से बजट स्वीकृत नहीं हो पाया है। यदि प्रदेश सरकार बजट स्वीकृत नहीं करती है तो सड़क के लिए पीएमजीएसवाई के तहत आवेदन किया जाएगा।
राजकुमार, विधायक पुरोला