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गौरवान्वित करने वाला है नेहरू पर्वतारोहण संस्थान का इतिहास, जानिए

नेहरू पर्वतारोहण संस्थान 14 नवंबर को अपना 54वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। निम का अबतक का सफर गौरवान्वित करने वाला रहा है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 08:16 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 08:56 PM (IST)
गौरवान्वित करने वाला है नेहरू पर्वतारोहण संस्थान का इतिहास, जानिए
गौरवान्वित करने वाला है नेहरू पर्वतारोहण संस्थान का इतिहास, जानिए

 उत्तरकाशी, [शैलेंद्र गोदियाल]: नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) 14 नवंबर को अपना 54वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। इस कालखंड में निम ने देश-दुनिया को दर्जनों नामचीन पर्वतारोही देने के साथ ही कई उपलब्धियां भी अपने नाम की हैं। 2013 की आपदा के दौरान रेस्क्यू कार्य और केदारपुरी का पुनर्निर्माण भी उसकी उपलब्धियों में दर्ज है। 

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देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की स्मृति में 14 नवंबर 1964 को उत्तरकाशी में निम की स्थापना की गई थी। तब से अब तक के इतिहास पर नजर डालें तो संस्थान की हर उपलब्धि गौरवान्वित करने वाली है। इस अवधि में निम एवरेस्ट और शीशा पांग्मा समेत तीन दर्जन से अधिक चोटियों पर तिरंगा फहरा चुका है।

साथ ही संस्थान में संचालित एडवेंचर, बेसिक, एडवांस, सर्च एंड रेस्क्यू और मैथड ऑफ इंस्ट्रक्शन कोर्स सहित कई स्पेशल, रॉक क्लाइंबिंग एवं स्कीइंग कोर्स में करीब 31 हजार देशी-विदेशी पर्वतारोही प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स कराने वाला तो यह एशिया का इकलौता संस्थान है।  साहसिक खेलों के शौकीन हर युवा का सपना होता है कि वह निम से ही उक्त पाठ्यक्रमों का प्रशिक्षण प्राप्त करे। इन सभी पाठ्यक्रमों में वर्ष 2022 तक के लिए ऑनलाइन बुकिंग हो चुकी है। 

पुनर्निर्माण एक बड़ी उपलब्धि 

वर्ष 2013 की आपदा में राहत एवं बचाव कार्य में निम की बड़ी भूमिका रही है। आपदा के दौरान गंगा घाटी से लेकर केदार घाटी तक निम की टीम रेस्क्यू में जुटी रही। साथ ही केदारनाथ में पुनर्निर्माण के चुनौतीपूर्ण कार्य को भी कर्नल अजय कोठियाल के नेतृत्व में निम ने बखूबी से अंजाम दिया। केदारनाथ में निम की टीम ने विपरीत परिस्थितियों में बेहतर काम करके अनूठी नजीर पेश की।

निम से प्रशिक्षण प्राप्त प्रमुख पर्वतारोही 

भारतीय महिला एवरेस्टर सुश्री बछेंद्री पाल, संतोष यादव, डॉ. हर्षवंती बिष्ट, अर्जुन वाजपेयी, कृष्णा पाटिल, सुमन कुटियाल, सरला नेगी, अरुणिमा सिन्हा, जुड़वां बहनें नुंग्शी व ताशी, पूनम राणा आदि।

एडवेंचर का हब बनेगा निम 

निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट कहते हैं कि जिस उद्देश्य को लेकर संस्थान की स्थापना की गई थी, उस दिशा में संस्थान पूरे मनोयोग से आगे बढ़ रहा है। अब पर्वतारोहण एक एडवेंचर स्पोर्ट्स बन चुका है, इसलिए निम को इसका केंद्र बनाया जाएगा। 2020 में प्रस्तावित नेशनल स्पोर्ट्स निम में हों, इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। भारत की जो एडवेंचर टीम हो, उसका अभ्यास केंद्र भी निम ही हो। कर्नल बिष्ट के अनुसार पर्वतारोहण से जुड़े एडवेंचर स्पोर्ट्स में अब रोजगार, मेडल व अवार्ड भी जुड़ गए हैं। इसलिए अब पर्वतारोहण महज शौकिया खेल नहीं रहा।

चार अनाम चोटियों का किया आरोहण 

इसी वर्ष अक्टूबर में निम की टीम ने गंगोत्री हिमालय की चार अनाम चोटियों का आरोहण किया। इनका नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर किया जाना है। इस अभियान का नेतृत्व खुद निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने किया। इस सफलता को लिम्का बुक में दर्ज कराने के लिए भी भेजा गया है।

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