उत्तराखंड: गंगा के मायके में स्वच्छता की नई धारा
गंगा के उद्गम के बाद उसके किनारे पड़ने वाले पहले नगर उत्तरकाशी में स्वच्छता की एक नई पहल शुरू हुई है। इसके तहत ढाई किलो जैविक कूड़ा एकत्र करने पर एक कूपन दिया जा रहा है।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: भागीरथी (गंगा) के उद्गम के बाद उसके किनारे पड़ने वाले पहले नगर उत्तरकाशी में स्वच्छता की एक नई पहल शुरू हुई है। इसके तहत ढाई किलो जैविक कूड़ा एकत्र करने पर एक कूपन दिया जा रहा है। नगर क्षेत्र में एक सप्ताह के अंतराल में स्वच्छता अभियान से जुड़ी टीम ने आठ क्विंटल जैविक और पांच क्विंटल अजैविक कूड़ा एकत्र किया है।
बुधवार को एकत्र हुए कूपन का लक्की ड्रा हुआ, जो वार्ड नंबर-चार निवासी शिवम बगियाल के नाम निकला। उन्हें दस हजार रुपये मूल्य का एंड्रॉयड मोबाइल सेट गिफ्ट किया जाएगा। नगर में स्वच्छता की यह पहल जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव की पहल पर शुरू हुई है।
जिलाधिकारी ने उत्तरकाशी नगर पालिका क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने के लिए एक सप्ताह पूर्व इस अनूठी पहल की शुरुआत की थी। इसे नाम दिया गया मोबाइल लक्की ड्रॉ अभियान। इसके तहत जैविक और अजैविक कूड़े को अलग-अलग कर कूड़ेदान में पहुंचाया जाना है।
कूड़े को इस तरह से पहुंचाने वाले व्यक्ति को ढाई किलो जैविक कूड़े पर एक कूपन दिया जा रहा है। एक सप्ताह के अंतराल में पालिका के सभी नौ वार्ड से 623 कूपन पर आठ क्विंटल जैविक कूड़ा एकत्र हुआ। इसे जैविक खाद बनाने के लिए टैक्सी स्टैंड के निकट पहुंचाया गया।
बुधवार को जिला सभागार में जिलाधिकारी डॉ. श्रीवास्तव ने एकत्र हुए कूपन का लक्की ड्रॉ आयोजित किया। ड्रॉ नौ वर्षीय संध्या नौटियाल ने निकाला, जो वार्ड नंबर-चार निवासी शिवम बगियाल के नाम निकला। उन्हें 26 अगस्त को शहरी विकास मंत्री कलक्ट्रेट सभागार में एंड्रॉयड मोबाइल सेट गिफ्ट करेंगे। इसके अलावा वार्ड नंबर दो में सबसे अधिक कूपन काटने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संगीता सेमवाल को बधाई पत्र दिया गया। प्रशासन ने स्वच्छता अभियान के तहत कूपन काटने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सौंपी है।
डीएम डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि कूड़ा निस्तारण का यह अभियान लोगों की दिनचर्या में बदलाव लाने का प्रयास है। अभियान एक सप्ताह और चलेगा। इसके बाद 15 दिन का ब्रेक लिया जाएगा। इसमें देखा जाएगा कि लोगों में जैविक-अजैविक कूड़ा डालने और स्वच्छता के प्रति कितना बदलाव आया है।
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