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Limca Book of Records में 'निम' को जगह, इस कमाल के लिए मिला खिताब

गंगोत्री हिमालय की चार अनाम चोटियों के सफल आरोहण का खिताब लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस में दर्ज होने से नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी के नाम एक नई उपलब्धि जुड़ गई है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 17 Apr 2020 02:22 PM (IST)Updated: Fri, 17 Apr 2020 02:22 PM (IST)
Limca Book of Records में 'निम' को जगह, इस कमाल के लिए मिला खिताब
Limca Book of Records में 'निम' को जगह, इस कमाल के लिए मिला खिताब

उत्तरकाशी, जेएनएन। वर्ष 2018 में गंगोत्री हिमालय की चार अनाम चोटियों के सफल आरोहण का खिताब लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस में दर्ज होने से नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी के नाम एक नई उपलब्धि जुड़ गई है। निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने इसकी पुष्टि की।

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कर्नल बिष्ट ने बताया कि अक्टूबर 2018 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित करने के लिए निम और उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद का आठ सदस्यीय दल गंगोत्री हिमालय में अनाम चोटियों के आरोहण के लिया गया था। दल के लीडर वह स्वयं थे। बाकी सदस्यों में अवधेश भट्ट, कैप्टन हेमेंद्र सिंह, विष्णु सेमवाल, विजेंद्र सिंह, राकेश राणा, अनामिका बिष्ट और ज्योत्सना रावत शामिल थे। दल के सदस्यों ने दो अलग-अलग ग्रुप में बंटकर रक्तवन घाटी में चार अनाम चोटियों का आरोहण किया।

बताया कि इन चोटियों की ऊंचाई 6566 मीटर, 6126 मीटर, 6557 मीटर और 6086 मीटर थी। इस चारों चोटियों को पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के सम्मान में अटल-1, अटल-2, अटल-3 और अटल-4 नाम देने का प्रस्ताव इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन को भेजा गया। इसके साथ ही अभियान को लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस में दर्ज कराने के लिए भी आवेदन किया गया था। कर्नल बिष्ट ने बताया कि लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस की ओर से उन्हें इस संबंध में प्रमाण पत्र प्राप्त हो चुका है।

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नेहरू पर्वतारोहण संस्थान का इतिहास 

नेहरु पर्वतारोहण संस्थान की स्‍थापना 1965 में हुई थी, जो पर्वतारोही तैयार करता है। यहां एक हिमालयन संग्रहालय भी है, जिसमें पर्वतारोहण से संबंधित पुस्‍तकें, फिल्‍म और स्‍लाइडस रखे हुए हैं। साल 2013 की आपदा में राहत और बचाव कार्य में निम की बड़ी भूमिका रही है। आपदा के दौरान गंगा घाटी से लेकर केदार घाटी तक निम की टीम रेस्क्यू में जुटी रही। साथ ही केदारनाथ में पुनर्निर्माण के चुनौतीपूर्ण कार्य को भी कर्नल अजय कोठियाल के नेतृत्व में निम ने बखूबी से अंजाम दिया। केदारनाथ में निम की टीम ने विपरीत परिस्थितियों में बेहतर काम करके अनूठी नजीर पेश की।

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