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गंगोत्री हिमालय के उच्च बुग्याली क्षेत्र में पर्वतारोहण पर रोक

बुग्यालों में रात्रि विश्राम करने पर रोक लगाने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तरकाशी के उच्च हिमालय क्षेत्र व बुग्याली क्षेत्र में पर्वतारोहण पर रोक लगा दी गई है।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 10:56 AM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 10:56 AM (IST)
गंगोत्री हिमालय के उच्च बुग्याली क्षेत्र में पर्वतारोहण पर रोक
गंगोत्री हिमालय के उच्च बुग्याली क्षेत्र में पर्वतारोहण पर रोक

उत्तरकाशी, [जेएनएन]: बुग्यालों में रात्रि विश्राम करने पर रोक लगाने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तरकाशी वन प्रभाग, गंगोत्री नेशनल पार्क, गोविंद वन्यजीव विहार अपर यमुना वन प्रभाग, टौंस वन प्रभाग के उच्च हिमालय क्षेत्र व बुग्याली क्षेत्र में पर्वतारोहण पर रोक लगा दी गई है।

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गंगोत्री नेशनल पार्क में पर्वतारोहण करने वाले दलों को वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने अनुमति देना बंद कर दिया है। इस पर ट्रैकिंग और पर्वतारोहण से जुड़े व्यवसायियों ने अपने ग्रुप वापस लौटाने शुरू कर दिए हैं। 

उत्तरकाशी में पर्वतारोहण व बुग्यालों की ट्रैकिंग करने वाले ग्रुपों को भी यहां आने से मना कर दिया गया है। क्षुब्ध व्यवसायियों ने मांग की है कि हाईकोर्ट के फैसले को लेकर प्रदेश सरकार को जल्द से जल्द सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर करनी चाहिए। यही स्थिति रही तो उत्तरकाशी में पर्यटन व्यवसाय दम तोड़ देगा, जिसका असर लोगों की आजीविका पर भी पड़ेगा।

हिमालय एक्सप्लोरर ट्रैक एंड टूर के संचालक बिहारी लाल ने बताया कि 12 सदस्यीय पर्वतारोही दल को सोमवार को उत्तरकाशी से गंगोत्री नेशनल पार्क के अंतर्गत आने वाली जोगिन चोटी के आरोहण के लिए रवाना होना था। इसके लिए 18 अगस्त को देहरादून में वाइल्ड लाइफ बोर्ड में 12500 रुपये की धनराशि जमा की थी। 

बोर्ड ने गंगोत्री नेशनल पार्क को एनओसी भेजनी थी। हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए बोर्ड के अधिकारी एनओसी देने से मना कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गंगोत्री नेशनल पार्क में एक भी बुग्याल नहीं हैं। लेकिन, इसके बाद भी पार्क के अधिकारी अनुमति नहीं दे रहे हैं, जिससे पर्वतारोही ग्रुप को वापस लौटना पड़ रहा है। 

पर्वतारोहण एवं ट्रैकिंग के व्यवसाय से जुड़े पीतांबर पंवार ने बताया कि सितंबर में भागीरथी द्वितीय के आरोहण के लिए एक दल ने बुङ्क्षकग की थी, लेकिन अनुमति न मिलने के कारण यह अभियान रद करना पड़ रहा है। 

उन्होंने बताया कि बुग्यालों की ट्रैकिंग और पर्वतारोहण से यहां की आजीविका जुड़ी हुई है। उत्तरकाशी वन प्रभाग के डीएफओ संदीप कुमार ने कहा कि बुग्याली क्षेत्रों में ट्रैकिंग के साथ कैंपिंग करने वालों पर भी रोक लगा दी गई है। प्रभाग के अंतर्गत पांच से अधिक बुग्याल क्षेत्र आते हैं। 

गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक श्रवण कुमार ने कहा कि प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव की ओर से भेजे गए पत्र का अध्ययन किया जा रहा है। पार्क के ट्रैङ्क्षकग रुटों पर बुग्याली क्षेत्र तो नहीं है, इसका भी अध्ययन किया जाएगा। जब तक पूरा अध्ययन नहीं हो जाता तब तक पर्वतारोहण करने वालों को भी अनुमति नहीं दी जाएगी।

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