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पुरोला में जुड़वा नवजात के बाद प्रसूता की भी मौत

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरोला में सोमवार रात को अल्प विकसित जुड़वा नवजात की मौत के बाद प्रसूता ने भी दम तोड़ दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 03:00 AM (IST)
पुरोला में जुड़वा नवजात के बाद प्रसूता की भी मौत
पुरोला में जुड़वा नवजात के बाद प्रसूता की भी मौत

संवाद सूत्र, पुरोला (उत्तरकाशी) : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरोला में सोमवार रात को अल्प विकसित जुड़वा नवजात की मौत के बाद प्रसूता ने भी दम तोड़ दिया। पुरोला में तीन दिनों के अंतराल में प्रसव पीड़िता सहित नवजात शिशुओं की मौत की दूसरी घटना हुई है। सोमवार रात को हुई प्रसूता और नवजात की मौत का कारण परिवार की आर्थिक तंगी और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी माना जा रहा है।

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पुरोला तहसील मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर गुंदियाटगांव के पास बंसतनगर निवासी ओम प्रकाश की पत्नी नीतू देवी को प्रसव पीड़ा हुई। सोमवार रात को प्रसूता को लेकर स्वजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरोला पहुंचे। चिकित्सकों ने जांच कर बताया कि प्रसव पीड़िता के गर्भ में ही अल्प विकसित जुड़वा बच्चों की मौत हो चुकी है। चिकित्सकों ने किसी तरह से मृत जुड़वा बच्चों को निकाला। इधर, लेकिन, अधिक रक्तस्राव होने के कारण प्रसूता की स्थिति गंभीर हो गई। असहनीय पीड़ा से जब प्रसूता की हालत बिगड़ने लगी तो चिकित्सकों ने उसे देहरादून ले जाने के लिए कहा। लेकिन, स्वजन को पैसे और कपड़े आदि का इंतजाम करने में समय लग गया। देर रात प्रसूता को लेकर एंबुलेंस देहरादून के लिए चली, लेकिन डामटा के पास रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। प्रसूता के पति ओम प्रकाश ने बताया कि उसकी पत्नी नीतू देवी सात माह की गर्भवती थी। जुड़वा बच्चे होने के कारण दून अस्पताल में उपचार चल रहा था। 25 जुलाई को प्रसूता को दून अस्पताल से एम्स ऋषिकेश के लिए रेफर किया गया। लेकिन आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण वे प्रसूता को सीधे गांव ले आए थे। सोचा था कि कुछ पैसे का इंतजाम करने के बाद फिर से वे अपनी पत्नी का सही तरीके से उपचार करेंगे।

पुरोला के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. पंकज कुमार ने कहा कि प्रसूता का इलाज दून अस्पताल से चल रहा था। दो दिन पहले प्रसूता को एम्स के लिए रेफर किया गया था। लेकिन एम्स के बजाय स्वजन प्रसूता को घर लेकर आए थे। सोमवार रात को जब स्वजन प्रसूता को लेकर पुरोला अस्पताल आए तो अल्पविकसित जुड़वा बच्चों की गर्भ में ही मौत हो चुकी थी। मृत शिशुओं को बाहर निकालकर प्रसूता को देहरादून के लिए रेफर किया। अधिक रक्तस्राव होने के कारण प्रसूता की स्थिति गंभीर हुई।


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