खरसाली से शुरू हुई यमुना की शीतकालीन यात्रा
संवाद सूत्र बड़कोट मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) से गुरुवार को शीतकाल
संवाद सूत्र, बड़कोट : मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) से गुरुवार को शीतकालीन यमुना यात्रा का आगाज किया गया। वहीं दूसरी ओर शीतकालीन यात्रा को लेकर शासन प्रशासन की बेरुखी से यमुनोत्री धाम के पंडा समाज ने नाराजगी जताई। पंडा समाज ने चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष शिव प्रसाद ममगाईं को पूर्ववर्ती व वर्तमान सरकार की अनदेखी से अवगत कराया।
गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखवा से शीतकालीन यात्रा के बाद यमुना की विधिवत पूजा अर्चना के साथ खुशीमठ से भी गुरुवार को चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष शिव प्रसाद ममगाईं ने विधि विधान पूजा अर्चना के साथ यात्रा का आगाज किया। अब यहां पर तीर्थाटन और पर्यटन के लिए यात्री आने शुरू हो जाएंगे।
वहीं दूसरी ओर यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष जगमोहन उनियाल ने बताया कि शीतकालीन यात्रा को लेकर शुरुआती दौर में सरकार ने शासन स्तर पर प्रचार प्रसार किया था, जिसके तहत प्रत्येक धाम को प्रचार प्रसार और पूजा के लिये 12 लाख पचास हजार रुपये भी दिए, लेकिन धीरे धीरे सरकार की बेरूखी के चलते शीतकालीन यात्रा को लेकर सरकार ने कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखाई। शासन स्तर पर पूर्व में हुई बैठक में शीतकालीन यात्रा के लिए पैकेज देने के साथ ही सभी विभागों को यात्रा मार्ग और खरसाली में चाक-चौबंद व्यवस्था के निर्देश भी दिए गए थे, लेकिन इन प्रस्तावों पर अमल नहीं किया गया। इस मौके पर एसडीएम अनुराग आर्य, तहसीलदार एमएस राणा, प्रवीन ममगाईं, यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल,बागेश्वर उनियाल, पंचपंडा समिति के अध्यक्ष वेदप्रकाश उनियाल, रमण प्रसाद, पवन, उनियाल, रत्नमणि उनियाल, विनोद उनियाल आदि रहे। शीतकालीन पड़ाव में ये हैं समस्याएं
यात्रा पड़ाव के दौरान बदहाल संचार सुविधा के अलावा मेडिकल रिलीव पोस्ट , होमगार्ड के जवान की तैनानी नहीं की गई है। साथ ही सफाई कर्मचारी, लाइट और स्नोकटर की व्यवस्था नहीं है।
जमीन देने के बाद भी नहीं बना रोपवे
उत्तरकाशी : मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल ने सरकार पर आरोप लगाया कि हेमकुंड और मसूरी में रोपवे बनाने के लिये टेंडर जारी कर दिए गए हैं, लेकिन खरसाली में स्थानीय काश्तकारों की ओर से 90 नाली से भी अधिक जमीन दिए जाने के बाद भी यमुनोत्री धाम के लिए रोपवे का निर्माण नहीं किया जा रहा है। ऐसे में सुविधाओं के अभाव में शीतकालीन यात्रा महज एक दिखावा ही साबित हो रही है। 60 यात्रियों को मिलेगा निश्शुल्क भोजन व रात्रि विश्राम
शीतकालीन यात्रा में इस बार यात्रियों के लिए स्थानीय लोगों ने विशेष रूप से निश्शुल्क सुविधाएं मुहैया कराने की बात कही है। यमुनोत्री मंदिर समिति के पूर्व उपाध्यक्ष रावल पवन उनियाल ने इस संबंध में उपजिलाधिकारी और चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष शिव प्रसाद ममगाई को बताया कि शीतकालीन पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा देने के लिए इस बार प्रथम 60 यात्रियों को हर दिन निशुल्क भोजन और रात्रि विश्राम की व्यवस्था की जाएगी।