जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जिला पंचायत उत्तरकाशी में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर स्थलीय जांच जारी है। अलग-अलग ब्लॉकों में टीम धरातल पर योजनाओं की तलाश रही है। इसी बीच प्रधान के पत्र भी वायरल हो रहे हैं। जिनमें प्रधान जिला पंचायत के कोई भी कार्य धरातल पर न होने की बात कह रहे हैं। ऐसे पत्र प्रधानों ने जिलाधिकारी मयूर दीक्षित को भी लिखे हैं। साथ ही जांच टीम को भी प्रधानों की ओर से ऐसे पत्र सौंपे जा रहे हैं। जिससे जिला पंचायत में हड़कंप मचा हुआ है। इसी बीच जिला पंचायत सदस्य प्रदीप भट्ट ने भी जिला पंचायत में अनियमितताओं की जांच का स्वागत किया है तथा निष्पक्ष रूप से जांच कराने की मांग की है। साथ ही विधायक निधि और सांसद निधि के कार्यों की भी स्थलीय जांच की मांग की है। गौरतलब है कि जिला पंचायत उत्तरकाशी में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर मुख्यमंत्री के आदेश पर जांच चल रही है। दस्तावेजों की जांच के बाद 24 नवंबर से स्थलीय जांच हो रही है। जिसमें जिला पंचायत के उन कार्यों की स्थलीय जांच की जा रही है जिन कार्यों को भुगतान किया गया है। लेकिन, शिकायत करने वाले जिला पंचायत सदस्यों का आरोप है कि धरातल पर कोई कार्य नहीं हुए हैं लेकिन, भुगतान हो चुका है। इसी बीच सोशल मीडिया पर ग्राम प्रधान निसणी ने प्रमाणित करते हुए एक पत्र वायरल हुआ है। जिसमें कहा गया कि उनके गांव में निसणी सम्पर्क मार्ग और बिगसारी से निसणी तक संपर्क मार्ग का कार्य जिला पंचायत की ओर से वर्ष 2019-20 में नहीं किया गया है। इसी तरह से पुरोला के रौना गांव के प्रधान ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा है। जिसमें जिला पंचायत की योजनाओं का कार्य धरातल पर न होने का उल्लेख किया है तथा भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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