उत्तरकाशी में झाला-हर्षिल के बीच तीन स्थानों पर टूटे हिमखंड Uttarkashi News
उत्तरकाशी में झाला और हर्षिल के बीच तीन स्थानों पर भारी हिमखंड टूटकर आने से गंगोत्री हाइवे बंद हो गया। बीआरओ इन हिमखंडों को काटकर हाइवे सुचारु कर पाया।
उत्तरकाशी, जेएनएन। झाला और हर्षिल के बीच तीन स्थानों पर भारी हिमखंड टूटकर आने से गंगोत्री हाइवे बंद हो गया। सात घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) इन हिमखंडों को काटकर हाइवे सुचारु कर पाया। इस बार हर्षिल घाटी में माकूल हिमपात ने कई हिमखंड बना दिए हैं। जो कई बार टूटकर गंगोत्री हाइवे पर आ जा रहे हैं।
जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 70 किमी गंगोत्री की ओर सुक्की से लेकर गंगोत्री तक सात से अधिक स्थानों पर हिमखंड आने का खतरा बना हुआ है। चांगथांग के पास तो बीते दस वर्षों के अंतराल में सबसे बड़ा हिमखंड आया हुआ है। यहां पर बीआरओ की टीम ने हिमखंड को काटकर सड़क तो खोल दी, लेकिन अभी भी यहां हिमखंड के टूटने का खतरा बना हुआ है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि गुरुवार सुबह साढ़े नौ बजे के आसपास झाला और हर्षिल के बीच बकरिया उडियार के पास भारी-भरकम हिमखंड टूटकर आ गया। कुछ ही देर बाद हाइवे पर दो और हिमखंड आ गिरे। इसके चलते शाम साढ़े चार बजे तक हाइवे बंद रहा। बताया कि बीआरओ की टीम ने हिमखंड काटकर हाइवे को सुचारु कर दिया है। इस बार अधिक बर्फबारी होने के कारण हिमखंडों के टूटने का खतरा अधिक बना हुआ है।
हेलगू गाड में बंद रहा हाइवे
हेलगू गाड के पास हाइवे के चौड़ीकरण के दौरान पहाड़ी से भारी भूस्खलन हुआ। इससे गुरुवार सुबह चार घंटे तक गंगोत्री हाइवे बंद रहा। सुखद यह कि भूस्खलन से कोई अनहोनी नहीं घटी।
भीमबली में बर्फ ने रोकी केदारनाथ जा रही टीम की राह
प्रशासन की ओर से केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य दोबारा शुरू करने की संभावनाएं तलाशने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) व पुलिस की टीम को केदारनाथ रवाना किया गया था, लेकिन टीम भीमबली से ही वापस लौट आई। पैदल मार्ग पर बर्फ की मोटी चादर बिछी होने के कारण टीम आगे नहीं बढ़ सकी। उधर, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने पुनर्निर्माण कार्य में लगी सभी एजेंसियों को एक सप्ताह के भीतर केदारनाथ पहुंचने के निर्देश दिए हैं।
डीएम ने बताया कि लगातार हुई बर्फबारी के कारण बीते दो माह से केदारनाथ धाम से संपर्क कटा हुआ है। बीते सप्ताह पुलिस और आपदा प्रबंधन की एक टीम केदारनाथ में जायजा लेने भेजी गई थी। लेकिन, भीमबली से आगे बहुत बर्फ होने के कारण उसे वापस लौटना पड़ा। बताया कि जंगलचट्टी से भीमबली के बीच डेढ़ से साढ़े तीन फीट तक बर्फ मौजूद है। ऐसे में आगे आवाजाही संभव नहीं हो पा रही।
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डीएम ने बताया कि पुलिस अधीक्षक के साथ केदारनाथ का दौरा करने की योजना है, ताकि वहां के हालात की स्थलीय जानकारी मिल सके। इसके अलावा 20 फरवरी तक डीडीएमए के 150 मजदूर, यात्रा मैनेजमेंट फोर्स के 44 और डीडीआरएफ (जिला आपदा प्रबंधन बल) के 26 जवानों को केदारनाथ भेजा जाएगा। ये लोग पैदल मार्ग से बर्फ हटाकर आवाजाही के लिए रास्ता तैयार करने के साथ ही केदारनाथ में बर्फ साफ करेंगे। उधर, पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह ने बताया कि पैदल मार्ग और धाम की स्थितियों का जायजा लेने के बाद वहां सुरक्षा व्यवस्थाओं के लिए खाका तैयार किया जाएगा।
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